कोरोना वायरस संकट के बीच देशव्यापी लॉकडाउन की वजह से प्रवासी मजदूर लगातार परेशानी झेल रहे हैं. जहां एक ओर मजदूरों का काम ठप पड़ गया है, वहीं कई मजदूरों की शिकायत है कि कंपनी के मालिक उनका बकाया नहीं दे रहे है. और न ही उन्हें वापस घर जाने में मदद कर रहे हैं. लेकिन दिल्ली के एक किसान ने अपने प्रवासी मजदूरों को घर पहुंचाने की अनूठी मिसाल पेश की है. किसान पप्पन गहलोत ने अपने 10 प्रवासी मजदूरों को फ्लाइट से घर भेजा है.
मशरूम की खेती करने वाले किसान पप्पन गहलोत के पास बिहार 10 प्रवासी मजदूर काम करते हैं. लेकिन लॉकडाउन की वजह से वे सभी यहां फंसे हुए थे. पप्पन ने उनकी मदद की और उन्हें फ्लाइट की टिकट बुक करके उन्हें गृह राज्य बिहार भेजा.
20 साल से मजदूर कर रहे हैं काम
पप्पन गहलोत के भाई निरंजन सिंह ने कहा, मजदूर घर वापस जा रहे हैं. हम देखते थे कि पैदल जानेवाले लोग के साथ हादसे हो रहे हैं. हमने इन्हें समझाया और इनके खाने-पीने का इंतजाम किया. पहले ट्रेन का टिकट कराया गया, लेकिन ये कंफर्म नहीं हो रहा था. उन्होंने बताया,
ये मजदूर 20 साल से उनके पास खेती काम करते हैं. फिलहाल वे कोरोना संकट में अपने घर जाना चाहते थे. इसलिए ट्रेन टिकट नहीं मिलने पर प्लेन की टिकट खरीदकर उन्हें पटना भेजा गया.
मालिक के दरियादिली से मजदूर खुश
पप्पन की दरियादिली से उनके सभी मजदूर खुश हैं. एक मजदूर ने कहा कि, उन्हें यकीन नहीं हो रहा है कि वे घर लौट रहे हैं. मैंने सपने में भी नहीं सोचा था कि मैं प्लेन पर सफर कर सकूंगा. लेकिन मैं मालिक का आभारी हूं. वे प्रवासी मजदूरों की मदद कर रहे हैं. वे सभी का बकाया चुका रहे हैं. खाने का भी इंतजाम कर रहे हैं.
बहरहाल, पप्पन ने अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए अपने मजदूरों को प्लेन से घर भेज दिया है. लेकिन देश में ऐसे लाखों मजदूर है जिन्हें अभी भी अपने घर पहुंचने के लिए सैकड़ों परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. वहीं, कुछ मजदूर अपने बकाया लेने के लिए इंतजार में बैठे हैं.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)