कोरोना वायरस संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए देशभर में लॉकडाउन को 3 मई तक बढ़ा दिया गया है. इस दौरान सभी स्कूल भी बंद हैं, लेकिन स्कूलों की तरफ से अभिभावकों के पास फीस की मांग की खबरें आ रही हैं. ऐसी शिकायतों को देखते हुए राज्य सरकारों ने प्राइवेट स्कूलों की भारी भरकम फीस पर लगाम लगाने का फैसला किया है. दिल्ली से लेकर उत्तर प्रदेश, राजस्थान में सरकारों ने कहा है कि स्कूल अभिभावकों पर फीस के लिए दबाव न बनाएं.
दिल्ली के डिप्टी सीएम और शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा है कि कोई भी प्राइवेट स्कूल, छात्रों से एक महीने की ट्यूशन फीस से अधिक राशि नहीं लेगा. इसके साथ ही कोई भी प्राइवेट स्कूल फीस में बढ़ोतरी नहीं कर सकेगा. ट्यूशन फीस हर महीने के हिसाब से जमा करवानी होगी. स्कूल 3 महीने की ट्यूशन फीस एक साथ नहीं ले सकेंगे.
“हमें स्कूल की फीस बढ़ाने को लेकर कई शिकायतें मिली हैं. ट्रांसपोर्ट फीस, जो लॉकडाउन के दौरान इस्तेमाल नहीं किया जा रहा है, उसे लेकर भी शिकायतें मिल रही हैं. किसी भी प्राइवेट स्कूल को सरकार से अनुमति लिए बिना फीस बढ़ाने की इजाजत नहीं दी जाएगी. स्कूल ट्यूशन फीस से अधिक शुल्क नहीं ले सकते.”मनीष सिसोदिया, डिप्टी सीएम और शिक्षा मंत्री, दिल्ली
अगर कोई स्कूल 3 महीने की फीस एक साथ मांगता है या फीस बढ़ाता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. मनीष सिसोदिया ने कहा ये आदेश सभी प्राइवेट स्कूलों पर लागू होगा, फिर चाहे वो स्कूल सरकारी जमीन पर बना हो या फिर गैर-सरकारी सरकारी जमीन पर.
पंजाब सरकार ने भी दी फीस पर राहत
पंजाब में भी लॉकडाउन के दौरान फीस मांगने को लेकर कई शिक्षण संस्थानों को शो-कॉज नोटिस भेजा जा चुका है. राज्य के शिक्षा मंत्री विजय इंदर सिंग्ला ने कहा था कि स्कूल ऑनलाइन क्लासेस के आधार पर बच्चों से फीस नहीं मांग सकते हैं. मंत्री ने स्कूलों से कहा कि वो किताबों, यूनिफॉर्म और ट्रांसपोर्टेशन फीस के लिए अभिभावकों को फोर्स नहीं कर सकते.
यूपी-राजस्थान में भी सख्ती
उत्तर प्रदेश और हरियाणा सरकार ने भी स्कूलों से कहा है कि वो फीस के लिए अभिभावकों पर दबाव न बनाएं. हरियाणा सरकार ने भी राज्य के सभी प्रवाइेट स्कलों को लॉकडाउन पीरियड खत्म होने तक किसी भी फीस को जमा करने के लिए छात्रों के अभिभावकों पर दबाव नहीं बनाने का निर्देश दिया है.
राजस्थान सरकार ने लॉकडाउन के दौरान स्कूलों को छात्रों से एडवांस में फीस या तीन महीने की फीस एक साथ लेने से मना कर दिया है. राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि फीस नहीं जमा होने पर छात्र का नाम स्कूल के रोल से नहीं हटाया जाएगा.
(IANS के इनपुट्स के साथ)
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)