सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने दिल्ली विधानसभा की शांति और सौहार्द समिति की ओर से जारी समन के खिलाफ फेसबुक इंडिया के उपाध्यक्ष और प्रबंध निदेशक अजित मोहन की याचिका गुरुवार को खारिज कर दी.
दरअसल, विधानसभा की समिति ने पिछले साल उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों से संबंधित एक मामले में मोहन को गवाह के तौर पर पेश होने के लिए कहा था, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया. इसके बाद उन्हें समन भेजे गए थे.
जस्टिस संजय किशन कौल, जस्टिस दिनेश माहेश्वरी और जस्टिस ऋषिकेश रॉय की बेंच ने मोहन की याचिका को अपरिपक्व बताया और कहा कि दिल्ली विधानसभा के सामने उनके खिलाफ कुछ नहीं हुआ है.
न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, शीर्ष अदालत ने कहा कि समिति के सामने जवाब न देने के विकल्प पर विवाद नहीं हो सकता और याचिकाकर्ता के प्रतिनिधि सवाल का जवाब देने से इनकार कर सकते हैं, अगर यह निषिद्ध क्षेत्र में आता है.
मोहन, फेसबुक इंडिया ऑनलाइन सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड और फेसबुक इंक की याचिका पर यह फैसला लिया गया है. याचिका में कहा गया था कि समिति के पास यह शक्ति नहीं है कि वह अपने विशेषाधिकारों का उल्लंघन होने पर याचिकाकर्ताओं को तलब करे, यह उसकी संवैधानिक सीमाओं से बाहर है.
उन्होंने समिति द्वारा पिछले साल 10 और 18 सितंबर को जारी नोटिस को चुनौती दी थी. इनमें मोहन को समिति के सामने पेश होने के लिए कहा गया था. समिति दिल्ली में हुए दंगों के दौरान कथित भड़काऊ भाषण फैलाने में फेसबुक की भूमिका की भी जांच कर रही है.
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