दिल्ली (Delhi) में पटाखों की बिक्री पर बैन के बावजूद दिवाली की हवा बेहद खराब श्रेणी के स्तर को भी पार कर गई. दिल्ली में पटाखे फूटने से पहले ही दिल्ली-एनसीआर में वायु गुणवत्ता खराब श्रेणी में थी.
राष्ट्रीय राजधानी में पूरे धूमधाम से दिवाली मनाने के एक दिन बाद, शुक्रवार, 5 नवंबर को दिल्ली धुंध से घिरी हुई है.
दिल्ली ही नहीं आसपास के इलाकों समेत नोएडा और गाजियाबाद में भी AQI 999 रिकॉर्ड किया गया. सुबह भी हवा का एक्यूआई लेवल 999 पर है. बता दें कि गुणवत्ता मापने वला AQI अधिकतर 999 तक ही रिकॉर्ड किया जा सकता है.
मौसम विज्ञान एजेंसियों ने पहले ही बता दिया था कि गुरुवार और शुक्रवार को AQI 500 से ज्यादा ही होने वाला है. वजह दिवाली के अवसर पर फोड़े गए पटाखे ही होंगे.
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक, इस स्तर का AQI स्वस्थ लोगों में भी सांस की समस्या पैदा कर सकता है और फेफड़ों या हृदय रोगों वाले लोगों के स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव डालेगा. हाल ही में कोरोना से ठीक हुए मरीज के लिए यह दूषित हवा गंभीर साबित होती है.
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली के ज्यादातर क्षेत्रों का वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 'गंभीर' श्रेणी में है.
शुक्रवार सुबह तक दिल्ली के कुछ इलाकों का AQI है:
पंजाबी बाग - 473 (गंभीर)
द्वारका सेक्टर 8 - 469 (गंभीर)
आरके पुरम - 388 (बहुत खराब)
उत्तरी परिसर - 445 (गंभीर)
लोधी रोड - 453 (गंभीर)
जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम - 458 (गंभीर)
एएनआई के मुताबिक वायु गुणवत्ता और मौसम पूर्वानुमान और अनुसंधान (SAFAR) ने बताया, "दिल्ली की वायु गुणवत्ता बहुत खराब श्रेणी के स्तर को पार कर गई है. इसकी स्तिथि अगले 2-3 दिनों तक बरकरार रहने वाली है और आज रात तक "बहुत खराब" से "गंभीर" श्रेणी में जा सकती सकती है."
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