अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर कश्मीर को लेकर बयान दिया है. उन्होंने फिर से कश्मीर मुद्दे पर मध्यस्थता की बात कही है. ट्रंप ने कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच जारी तनाव अब कुछ कम हुआ है. तनाव कम होने की बात करते हुए उन्होंने मध्स्थता की बात दोहराई. हालांकि ट्रंप ने पहले की ही तरह इस बार भी दोनों देशों की सहमति होने पर ही मध्यस्थता की बात कही.
पाकिस्तान की तरफ से लगातार ये कोशिशें जारी हैं कि कोई तीसरा देश कश्मीर मसले पर मध्यस्थता करे. लेकिन भारत हर बार ये साफ कर चुका है कि इस मामले में किसी भी तीसरे देश का हस्तक्षेप बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
मीडिया को संबोधित करते हुए ट्रंप ने सोमवार को कहा कि उनका दोनों ही देशों के साथ अच्छा रिश्ता है. उन्होंने कहा कि वो दोनों देशों की मदद करने के लिए भी तैयार हैं. दोनों देशों को पता है कि मध्यस्थता का ऑफर आज भी है.
पीएम मोदी से हुई थी बात
ट्रंप का बयान 26 अगस्त को फ्रांस में पीएम मोदी के साथ मुलाकात के बाद आया है. जी-7 समिट में हुई उस मुलाकात के दौरान ट्रंप और पीएम नरेंद्र मोदी के बीच कश्मीर मसले को लेकर भी बातचीत हुई थी. इस मुलाकात के बाद ट्रंप ने कहा था कि 'मैंने पीएम मोदी से बात की है और उम्मीद है कि भारत और पाकिस्तान आपस में मिलकर कुछ बेहतर नतीजे निकालेंगे'. वहीं पीएम मोदी ने ट्रंप के सामने साफ किया कि ये दोनों देशों का मुद्दा है. इसे आपस में ही सुलझा लिया जाएगा.
ट्रंप कई बार कर चुके हैं मध्यस्थता की बात
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप इससे पहले कई बार कश्मीर को लेकर मध्यस्थता की बात कर चुके हैं. जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 खत्म किए जाने के बाद से ही ट्रंप ने कश्मीर पर बयानबाजी शुरू कर दी थी. ट्रंप ने यहां तक दावा कर दिया था कि पीएम मोदी ने उन्हें कश्मीर पर एक मध्यस्थ की भूमिका निभाने को कहा था. जिसके बाद इस पर भारत सरकार को सफाई देनी पड़ी. वहीं विपक्ष ने मोदी सरकार को घेरने की कोशिश की.
इसके बाद भी ट्रंप ने कई बार इच्छा जाहिर करते हुए कहा कि वो कश्मीर मसले पर दोनों देशों के बीच मध्यस्थता कर सकते हैं. हालांकि इसके बाद ट्रंप हमेशा ये कहते आए हैं कि जब तक दोनों देश नहीं चाहेंगे वो मध्यस्थ की भूमिका नहीं निभाएंगे.
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