ADVERTISEMENTREMOVE AD

आरती का आखिरी वीडियो- 'मैं उसकी वजह से मर रही हूं, उसने मुझे बहुत मारा...'

'वो एक रात पहले ही पुलिस के पास गई थी. अगर पुलिस ने गंभीरता से उस पर कार्रवाई की होती तो शायद आज वो जिंदा रहती.'

Published
भारत
6 min read
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा
Hindi Female

अगर आपको भी आत्महत्या के ख्याल आते हैं या फिर किसी को जानते हैं, जो ऐसे हालात से गुजर रहे हैं तो कृपया उनकी मदद करें और तुरत लोकल इमरजेंसी सर्विस, एनजीओ, या हेल्पलाइन पर फोन करें.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

अपने आंसुओं को संभालते हुए 31 साल के विनीत कुमार वार्ष्णेय बताते हैं, "कुछ रात पहले ही, मैंने उसे अपने पति को छोड़कर घर वापस आने के लिए कहा था. मैंने उसे बार-बार कहा था कि वह हमारे पास आए, अपने भाई, अपने पिता के पास... काश वो मेरी बात मानी होती."

अपनी बहन का अंतिम संस्कार पूरा करने के बाद 28 सितंबर को विनीत ने क्विंट से बात की. उनकी बहन आरती गुप्ता, जो दिल्ली के गोविंदपुरी इलाके में रहती थी, की 25 सिंतबर को खुदकुशी से मौत हो गई.

दिल्ली पुलिस ने हौज खास की एक फर्म में आर्किटेक्ट आरती के पति अनुपम गुप्ता को दहेज उत्पीड़न और क्रूरता से संबंधित धाराओं में गिरफ्तार कर लिया. दिल्ली पुलिस को आरती के फोन में एक वीडियो मिला. इसमें उसने पति से मारपीट और प्रताड़ना के बारे में बताया था.

0
क्विंट को मिले इसे 32 सेकेंड के वीडियो में, आरती ने आरोप लगाया, “मेरी जिंदगी खत्म हो गई है. इस आदमी ने मुझे घर पर अकेला छोड़ दिया है. दहेज को लेकर ये लोग मुझे बुरी तरह पीट रहे हैं. अनुपम ने मेरी जिंदगी बर्बाद कर दी है, इसके लिए वह कसूरवार है. मैं उसकी वजह से मर रही हूं. उसने मुझे बहुत मारा..." पुलिस का दावा है कि वीडियो आरती की मौत के दिन रिकॉर्ड किया गया.

आत्महत्या से एक दिन पहले, आरती रात करीब 10-11 बजे थाने गई थी. डीसीपी (साउथ) ईशा पांडे ने कहा कि आरती ने तैनात महिला कॉन्स्टेबल को बताया कि उसका पति घर से चला गया है और उसका नंबर ब्लॉक कर दिया है.

DCP पांडे ने कहा कि उनके पति को पुलिस ने फोन किया था, जिन्होंने कहा कि उसने अपनी मर्जी से घर छोड़ा है और वो अपनी पत्नी के साथ रहना नहीं चाहता है. DCP ने कहा कि आरती ने "शिकायत दर्ज कराने से इनकार कर दिया और आखिर में एक महिला कॉन्स्टेबल ने उसे घर छोड़ दिया."

ADVERTISEMENTREMOVE AD

अगले दिन दोपहर दो बजे पीसीआर को एक फोन आया. इसमें आरती का मृत शरीर घर में मिलने की बात कही गई.

आरती के भाई ने क्विंट से कहा, "अगर पुलिस ने उस रात अच्छे से मामले को संभाला होता और थोड़ा गंभीरता से एक्शन ली होती, उसे घर लौटने नहीं दिया होता, तो शायद आज उसकी बहन जिंदा होती."

ADVERTISEMENTREMOVE AD

'पिछले कुछ महीनों ने उसे बदल दिया था' - परिवार

आरती की शादी आठ महीने पहले हुई थी. उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ की आरती शादी से पहले एक एक चुलबुली युवती थी, जिसे बाहर नाचना और खाना पसंद था. उसके परिवार का दावा है कि जनवरी में उसकी शादी के करीब दो हफ्ते बाद चीजें बदल गईं.

पिछले सात महीनों में उन्होंने उसे एक शांत, अकेली और दुखी औरत में बदलते देखा, जिसने अपने जख्म के निशान छिपाने की कोशिश की.

यह उसकी कहानी है.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

तीन भाई-बहनों में से एक, आरती इस साल जनवरी में अपनी शादी के बाद अलीगढ़ से दिल्ली चली गई. उसके भाई ने क्विंट को बताया, "यह एक अरेंज मैरिज थी और अनुपम का परिवार काफी संपन्न है. हमने शादी पर करीब 15 लाख रुपये खर्च किए, लेकिन उसके बाद भी उन्होंने 10 लाख रुपये और पांच लाख रुपये की कार की मांग की."

आरती के पिता अलीगढ़ में एक छोटा डेयरी का धंधा चलाते हैं, जबकि उसका भाई एक निजी कंपनी में काम करता है. आरती के भाई विनीत बताते हैं, "हम अभी भी शादी के कारण जमा हुए कर्ज को चुका रहे थे. आरती ने अपने पति को यह समझाने की कोशिश की लेकिन वो नहीं माने."

'वो एक रात पहले ही पुलिस के पास गई थी. अगर पुलिस ने गंभीरता से उस पर कार्रवाई की होती तो शायद आज वो जिंदा रहती.'
ADVERTISEMENTREMOVE AD

विनीत ने कहा कि आरती ग्रेजुएट थी. डांस और योग में उसकी दिलचस्पी थी, लेकिन जब वह दिल्ली चली गई तो यह सब खत्म हो गया. विनीत ने कहा, "वो एक योग स्टूडियो में शामिल हुई, लेकिन उसके पति ने उस पर अफेयर का आरोप लगाया, इसलिए उसने उसे छोड़ दिया. वो कमजोर भी हो गई थी, क्योंकि उसका हीमोग्लोबिन स्तर गिर गया था."

आरती की बहन डॉली और भाई विनीत का दावा है कि शादी के दो हफ्ते के भीतर ही उन्होंने अपनी बहन के व्यवहार में बदलाव देखा. हालांकि, उन्हें पिछले महीने तक उसके साथ हुई कथित मारपीट के बारे में जानकारी नहीं थी.

आरती के भाई विनीत वार्ष्णेय कहते हैं, "जब भी वो घर आती थी, वह चुप रहती थी और सबकुछ नॉर्मल नहीं लगता था. मैंने एक बार उसके चेहरे पर चोट के निशान देखे थे और जब मैंने उससे इसके बारे में पूछा, तो उसने बताया कि वह कहीं गिर गई है. मुझे लग गया था कि कुछ तो गड़बड़ है, लेकिन जब भी मैंने उससे उसके बारे में पूछा तो वो बस यह कह देती थी कि वो ठीक है." क्विंट से आरती की बहन डॉली कहती हैं कि आरती ने किसी से कुछ नहीं कहा, लेकिन एक दिन उसने अपनी मां से सब बात बताई, लेकिन मां अगस्त में हार्ट अटैक आने से चल बसीं.

ADVERTISEMENTREMOVE AD
अपने आंसुओं को पोंछते हुए विनीत कहते हैं, "मेरी मां ने अपनी मौत से कुछ दिन पहले हमें बताया था कि आरती ने उन्हें अपने सभी कपड़े उतारकर चोट के निशान दिखाए थे. आरती ने मां को बताया था कि अनुपम उसे कभी हाथों से तो कभी बेल्ट से पीटता था. और कभी-कभी, वह तकिए से उसका दम घोंटने की कोशिश करता था."

भाई-बहनों का दावा है कि पिछले कुछ दिनों में मारपीट और बढ़ गई थी. विनीत ने कहा, "उसने मुझसे कहा कि वह उसे प्रताड़ित कर रहा था और दहेज के लिए उसकी पिटाई कर रहा था. मैंने उसे अलीगढ़ वापस आने के लिए कहा लेकिन वो कभी नहीं आई..."

'वो एक रात पहले ही पुलिस के पास गई थी. अगर पुलिस ने गंभीरता से उस पर कार्रवाई की होती तो शायद आज वो जिंदा रहती.'

अपनी भतीजी के साथ आरती

ADVERTISEMENTREMOVE AD

'उसने परिवार पर भरोसा किया, शिकायत करने में झिझक थी'

आरती के भाई-बहन उसे एक खुशमिजाज, समझदार, सहानुभूतिपूर्ण और जिंदगी से भरपूर लड़की के तौर पर याद करते हैं... लेकिन डॉली ने रोते हुए हमें बताया, "पिछले कुछ महीनों में, वह चिड़चिड़ी हो गई थी. वह आसानी से रो देती थी. उसने मुझे रविवार को फोन किया, जिस दिन उसने यह कदम उठाया... उसने मुझे वीडियो कॉल किया और मुझसे अपनी आठ महीने की बेटी को फोन के सामने रखने को कहा. उसने उससे बात की, वो उसे बहुत प्यार करती थी. शायद यही उसकी आखिरी इच्छा थी."

करीब दो हफ्ते पहले, आरती ने कथित हिंसा के बारे में अपने मामा योगेश वार्ष्णेय को बताया, जो आगरा में एक टूर गाइड हैं. उन्होंने क्विंट को बताया, "उसके पिता ने अनुपम के परिवार से बात की और उनसे दहेज की मांग को छोड़ देने का अनुरोध किया, लेकिन आरती के ससुराल वालों पर इसका कोई फर्क नहीं पड़ा."

ADVERTISEMENTREMOVE AD

उसके भाई ने दावा किया कि उसने बार-बार आरती को घर लौटने के लिए कहा, लेकिन इसका कोई असर नहीं हुआ. विनीत कहते हैं,

"शायद वो शर्म की वजह से वापस घर नहीं लौटी. फिर मां की मौत ने वाकई उसे झकझोर कर रख दिया. वो खुद यह मानने लगी थी कि उसने अपने साथ हो रही मारपीट के बारे में जब मां को बताया तो मां इस तनाव को झेल नहीं पाई और उनकी मौत हो गई. आरती एक अपराध बोध के साथ जीने लगी."
ADVERTISEMENTREMOVE AD

विनीत ने कहा कि आरती ने पहले भी पुलिस से संपर्क करने की बात कही थी, लेकिन वो ऐसा कर नहीं पाई, क्योंकि उसे ऐसा लगता था कि इससे मामला और बिगड़ जाएगा.

पुलिस ने आरती के पति के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 304 B (दहेज हत्या), 498 A (पति या पति के रिश्तेदार के साथ क्रूरता), और 34 के तहत FIR दर्ज की है.

बहन का अंतिम संस्कार करने के एक दिन बाद, विनीत ने उन पुराने और अच्छे दिनों को याद किया जो आरती की शादी से पहले के थे. "वो हमेशा मजाक करने में माहिर थी. हम खाने और खरीदारी करने के लिए अलीगढ़ में सेंटर प्वाइंट बहुत जोश से जाते थे. जो भी उनसे मिलता वो हैरान रह जाता... वो इस कदर खुशमिजाज थी."

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें