देशभर में सामान्य मॉनसून की बड़ी खबर के बीच डराने वाली बात ये है कि 681 जिलों में से 238 जिले ऐसे हैं जहां सामान्य से काफी कम बारिश हुई है. मसलन, मौसम विभाग के मुताबिक, बिहार में इस सीजन में सामान्य बारिश हुई है. लेकिन राज्य के जिलेवार आंकड़े देखें तो
- राज्य के 38 में से 22 जिलों में काफी कम बारिश हुई है
- 14 जिलों में सामान्य बारिश हुई है
- 2 जिलों में औसत से काफी ज्यादा
मतलब साफ है कि राज्य की बड़ी आबादी मौसम की मार झेल रही है.
बाकी राज्यों का क्या हाल है?
पूरे देश में 8 राज्य और केंद्र शासित प्रदेश ऐसे हैं जहां सामान्य से कम बारिश हुई. तीन राज्य- गुजरात, हरियाणा और झारखंड, में तो बारिश में कमी 20 फीसदी या उससे ज्यादा है.
बारिश की कमी से जूझ रहे राज्य, संघ-शासित प्रदेश
- झारखंड
- हरियाणा
- गुजरात
- अरुणाचल प्रदेश
- असम
- मेघालय
- मणिपुर
- लक्षद्वीप
गुजरात के 33 जिलों में से 18 जिले में काफी कम बारिश हुई है. 11 जिलों में सामान्य, 2 जिलों में सामान्य से ज्यादा और 1 में बहुत ज्यादा बारिश हुई है. झारखंड के 24 में से 16 जिलों में सूखे का माहौल है.
असर की जद में कौन है...
कई इलाकों में कम बारिश का सीधा मतलब है अनाज उत्पादन में कमी. और इसी से जुड़ा है खाने-पीने के सामानों की महंगाई. आंकड़े से पता चलता है कि मौसम की मार चावल उत्पादन करने वाले क्षेत्रों पर खासा है. आर्थिक सर्वे ये कहता है कि खेती-किसानी के क्षेत्र से देश में 50 फीसदी लोगों को रोजगार मिलता है, जब हाल ऐसे हैं तो इनके रोजगार पर भी असर तो पड़ना ही है.
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