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कश्मीर में आतंकियों के साथ पकड़े गए DSP सस्पेंड, छिन सकता है मेडल

DSP सिंह को करीब 4 महीने पहले प्रेसिडेंट पुलिस मेडल मिला था

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भारत
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आतंकियों के साथ कार में पकड़े गए जम्मू-कश्मीर पुलिस के डीएसपी देविंदर सिंह को 13 जनवरी को सस्पेंड कर दिया गया है. अधिकारियों के मुताबिक इस मामले में सामने आया है कि सिंह ने अपने साथ पकड़े गए आतंकियों को अपने घर में पनाह दी थी.

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करीब 4 महीने पहले प्रेसिडेंट पुलिस मेडल पाने वाले सिंह से पुलिस और खुफिया विभाग के जांचकर्ताओं की पूछताछ जारी है. अधिकारियों ने बताया कि श्रीनगर एयरपोर्ट पर सिंह के ऑफिस को सील कर दिया गया है, जहां वह एंटी हाईजैकिंग स्क्वॉड में डीएसपी के तौर पर तैनात थे.

घटनाक्रम की कड़ियां जोड़ते हुए अधिकारियों ने बताया कि दो आतंकियों- हिज्बुल मुजाहिदीन के स्वयंभू जिला कमांडर नवीद बाबा और अल्ताफ- को इरफान नाम का एक वकील (जिसे पुलिस ने आतंकी समूहों का ओवरग्राउंड वर्कर बताया है) 10 जनवरी को अधिकारी के घर ले गया था. इन तीनों को ही सिंह के साथ कार में पकड़ा गया था.

पकड़े जाने के बाद शुरुआत में सिंह ने लगातार दावा किया कि वह ‘बड़े आतंकवादी’ को पकड़ने के लिए आतंकवादियों का विश्वास जीतने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन उचित प्रोटोकॉल का पालन नहीं करने की वजह से वह अपनी बात साबित नहीं कर सके. 

बताया जा रहा है कि सिंह 11 जनवरी को ड्यूटी पर मौजूद नहीं रहे. उसी दिन पुलिस की एक टीम ने उनको आतंकियों के साथ कुलगाम स्थित मीर बाजार से पकड़ा था. अधिकारियों के मुताबिक, सिंह ने 12 जनवरी से लेकर 16 जनवरी तक की छुट्टियों का अनुरोध किया था.

पुलिस ने सिंह के घर पर तलाशी अभियान चलाया, जिसमें 2 पिस्टल और एक एके राइफल सहित भारी मात्रा में गोला-बारूद बरामद हुआ.

अधिकारियों ने बताया कि सिंह का नाम एसपी के तौर पर प्रमोशन के लिए क्लियर हो गया था, मगर अब वह पिछले साल मिले गैलेंट्री मेडल को भी गंवा सकते हैं.

हालांकि, यह पहली बार नहीं है जब सिंह का नाम विवादों में घिरा है. इससे पहले संसद हमले के मामले में फांसी पर चढ़ाए गए अफजल गुरु ने 2013 की अपनी एक चिट्ठी में लिखा था कि सिंह ने ही उसे संसद हमले के सह आरोपी ‘‘मोहम्मद’’ को साथ लेकर ‘‘दिल्ली जाने और उसके लिए मकान किराए पर लेने और कार खरीदने को कहा था.’’ उस वक्त सिंह विशेष अभियान समूह में डीएसपी थे.

अधिकारियों ने बताया कि उस वक्त सिंह पर लगे आरोपों को साबित करने के लिए पुख्ता सबूत नहीं मिले, लेकिन आतंकवादियों को लेकर जाते वक्त हुई उनकी गिरफ्तारी ने अफजल गुरु द्वारा लगाए गए आरोपों को फिर से जिंदा कर दिया है.

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