अपनी फार्मास्यूटिकल कंपनी के जरिए 8,100 करोड़ का कर्ज लेकर बैंकों को चूना लगाने वाले संदेसरा बंधुओं के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बड़ी कार्रवाई की है. ईडी ने गुजरात के संदेसरा ब्रदर्स की चल और अचल कुल 9778 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त कर ली है.
2018 में संदेसरा घोटाला सामने आया था. इसमें स्टर्लिंग बायोटेक के मालिक नितिन और चेतन संदेसरा ने 300 शेल कंपनियां बनाकर बैंकों से 8100 करोड़ का कर्ज लिया और विदेश भाग गए.
संदेसरा घोटाले के सभी आरोपियों के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी है. इनके अलावा रिश्तेदार दीप्ति संदेसरा और उसके सहयोगी हितेष पटेल भी इस मामले में आरोपी है. ये भी देश से फरार है. सभी के खिलाफ प्रत्यर्पण की कार्रवाई पहले ही शुरू हो चुकी है. नितिन संदेसरा बैंक फ्रॉड और मनी लॉन्ड्रिंग मामले का मुख्य आरोपी है.
191 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दायर
रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस मामले में ईडी ने कुल 191 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दायर की गई है. इसमें सिर्फ सात व्यक्ति हैं, बाकी 184 रजिस्टर्ड कंपनी हैं.
आरोपियों ने कई देशों में 100 से ज्यादा कंपनियां बनाई हैं, जिसमें संयुक्त अरब अमीरात, अमेरिका, ब्रिटेन, ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड, मॉरीशस, बारबाडोस और नाइजीरिया समेत अन्य देश शामिल हैं. इन भगोड़े आरोपियों की विदेश स्थित संपत्तियों में रिचमंड ओवरसीज, सनशाइन ट्रस्ट कॉर्प, सीपको बीवीआई, सीपको नाइजीरिया और अटलांटिक ब्लू वॉटर सर्विसेज प्रा. लि. शामिल हैं.
वडोदरा में उजागर हुए हैं कई और घोटाले
बैंकों से कर्ज लेकर लेकर फ्रॉड करने के कई मामले वडोदरा में सामने आए हैं. 2018 में DPIL घोटाले का खुलासा हुआ. RBI डिफाल्टर लिस्ट में होने के बावजूद डायमंड पावर इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड ने बैंकों से 2600 करोड़ का कर्ज ले लिया. जब मामला खुला तो कंपनी के मालिक सुरेश भटनागर और उनके बेटे अमित और सुमित भटनागर को जेल भेज दिया गया.
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