प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने सोमवार, 18 अप्रैल को Amway इंडिया एंटरप्राइजेज प्राइवेट लिमिटेड पर शिकंजा कसा है. ED ने एमवे इंडिया की 757 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति को अटैच किया है. कंपनी पर डायरेक्ट सेलिंग मल्टी लेवल मार्केटिंग नेटवर्क की आड़ में घोटाले का आरोप है. ED ने प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत ये कार्रवाई की है.
मल्टी लेवल मार्केटिंग घोटाला
ED की जांच में खुलासा हुआ है कि एमवे मल्टी लेवल मार्केटिंग नेटवर्क की आड़ में पिरामिड फ्रॉड चला रहा है. जांच में यह भी सामने आया है कि कंपनी के ज्यादातर प्रोडक्ट्स की कीमतें बाजार में उपलब्ध दूसरी कंपनी के प्रोडक्ट्स से ज्यादा हैं.
केंद्रीय वित्तीय जांच एजेंसी ने अपने बयान में कहा, "वास्तविक तथ्यों को जाने बिना भोली भाली जनता कंपनी के सदस्य बनने के लिए अत्यधिक कीमतों पर समान खरीदती है और इस तरह से अपनी मेहनत की कमाई से हाथ धो बैठती है."
तमिलनाडु में कंपनी की संपत्तियां कुर्क
ED ने तमिलनाडु के डिंडीगुल जिले में एमवे इंडिया एंटरप्राइजेज प्राइवेट लिमिटेड की जमीन और फैक्ट्री की बिल्डिंग को कुर्क किया है. इसके साथ ही कुर्की में प्लांट, मशीनरी, वाहन, बैंक अकाउंट और फिक्स्ड डिपॉजिट भी शामिल हैं.
मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत कुर्क कुल 757.77 करोड़ रुपये की संपत्ति में चल और अचल संपत्ति 411.83 करोड़ रुपये की है. जबकि 345.94 करोड़ रुपये की राशि एमवे से संबंधित 36 बैंक अकाउंट्स में जमा है.
ED के मुताबिक एमवे ने 1996-97 में भारत में शेयर पूंजी के रूप में 21.39 करोड़ रुपये लाए थे. वित्त वर्ष 2020-21 तक, कंपनी ने अपने निवेशकों और मूल संस्था को लाभांश, रॉयल्टी और अन्य भुगतान के नाम पर 2859.10 करोड़ रुपये की बड़ी राशि भेजी है.
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