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पवार, राज ठाकरे, खडसे-महाराष्ट्र के इन नेताओं को समन कर चुकी है ED

शिवसेना नेता संजय राउत की पत्नी को ईडी के नोटिस, पहले कई नेताओं से हो चुकी है पूछताछ

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शिवसेना सांसद और सामना के कार्यकारी संपादक संजय राउत के पत्नी वर्षा राउत को मिले ED के नोटिस के बाद केंद्र और महाराष्ट्र सरकार के बीच टकराव और बढ़ने के आसार हैं. हाल ही में बीजेपी से एनसीपी में शामिल हुए एकनाथ खडसे को भी ED ने नोटिस भेजा है. वर्षा राउत को 29 दिसंबर और एकनाथ खडसे को 30 दिसंबर को जांच के लिए मुंबई के ED कार्यालय में तलब किया गया है.

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बताया जा रहा है कि वर्षा राउत को पीएमसी घोटाले की जांच से जुड़े एक बैंक ट्रांजेक्शन के संबंध में पूछताछ के लिए बुलाया गया है. संजय राउत के पारिवारिक मित्र प्रवीण राउत की पत्नी के खाते से वर्षा राउत के खाते में 55 लाख रुपये ट्रांसफर किए गए थे. हालांकि पीएमसी बैंक घोटाले की शुरुआती जांच में प्रवीण राउत से EOW ने पूछताछ की थी.

पीएमसी बैंक की तरफ से अवैध तरीके से एचडीआईएल कंपनी के वाधवा बंधुओं को 6,500 करोड़ का लोन दिया जा रहा था. जिसका खुलासा होने पर RBI ने पीएमसी बैंक के सभी ट्रांजेक्शन पर रोक लगा दी थी. इस मामले में प्रवीण राउत के भी शामिल होने का आरोप है. जिसके चलते वर्षा राउत के साथ हुआ लेन-देन अब शक के घेरे में है.

एकनाथ खडसे भी जांच के दायरे में

वहीं दूसरी ओर बीजेपी को झटका देकर एनसीपी में शामिल हुए महाराष्ट्र के बड़े नेता एकनाथ खडसे को पुणे से सटे भोसरी में एमआईडीसी के जमीन घोटाले के आरोप में नोटिस भेजा गया है. इन्हीं आरोपों को लेकर फडणवीस सरकार ने झोटिंग समिति नियुक्त कर जांच के आदेश दिए थे, जिसके बाद खडसे को मंत्रिपद से इस्तीफा देना पड़ा था. बावजूद उसके अब ED इस मामले की जांच कर रही है.

आपको बता दें कि इन दोनों के अलावा साल 2019-2020 में ED ने कई दिग्गज नेताओं को अलग-अलग मामलों में नोटिस भेजे हैं. एनसीपी प्रमुख शरद पवार से लेकर राज ठाकरे तक कई नेताओं ने ED दफ्तर में हाजिरी भी लगाई. लेकिन अब तक कोई भी जांच तार्किक अंत तक पहुंचती नहीं दिखी.

महाराष्ट्र के इन नेताओं के खिलाफ ईडी की जांच

शरद पवार- महाराष्ट्र सहकारी बैंक घोटाला मामले में एनसीपी प्रमुख शरद पवार समेत उनके भतीजे और महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री अजित पवार के खिलाफ ED ने मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया था. पुलिस की तरफ से दर्ज एफआईआर के मुताबिक, 1 जनवरी 2007 से 31 मार्च 2017 के बीच हुए महाराष्ट्र सहकारी बैंक घोटाले के कारण सरकारी खजाने पर करीब 25 हजार करोड़ रुपये का नुकसान हुआ, जिसमे बैंक के 70 पूर्व पदाधिकारियों का भी नाम है. हालांकि ये मामला ठीक महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले सामने आया था, जिस वजह से राज्य की पूरी राजनीति गरमा गई थी. लेकिन शरद पवार खुद ED के सामने पेश हुए थे, जिसका उन्हें आगे जाकर चुनावों में राजनीतिक लाभ होता स्पष्ट रूप से दिखाई दिया.

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प्रफुल्ल पटेल- पिछले साल एनसीपी नेता प्रफुल्ल पटेल से भी ED ने 12 घंटे तक पूछताछ की थी. ये मामला अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम के करीबी इकबाल मिर्ची की कथित गैरकानूनी संपत्ति से जुड़ी मनी लॉन्ड्रिंग जांच का था. ED के सूत्रों के मुताबिक, प्रफुल्ल पटेल और इकबाल मिर्ची के बीच साल 2007 में दक्षिण मुंबई स्थित सीजे हाउस प्रोपर्टी के संबंध में कॉन्ट्रैक्ट की बात सामने आई थी. इकबाल मिर्ची के परिवार ने सीजे हाउस की तीसरी और चौथी मंजिलों को प्रफुल्ल पटेल के नाम ट्रांसफर किया था. एक सेल डीड में प्रफुल्ल पटेल की सह-मालिक की हैसियत से हस्ताक्षर से ये बात जांच में सामने आई थी. लेकिन 2019 के विधानसभा चुनावों के बाद इस मामले पर कोई चर्चा नही हुई.

राज ठाकरे- अगस्त 2019 में एमएनएस प्रमुख राज ठाकरे को भी ED ने पेश होने के लिए नोटिस भेजा था. मध्य मुंबई दादर में स्थित कोहिनूर सिटीएनएल के लोन मामले में पूछताछ के लिए राज ठाकरे समेत शिवसेना नेता और पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर जोशी के बेटे उन्मेष जोशी को भी नोटिस भेजा गया था. कोहिनूर सिटीएनएल कंपनी पर आरोप है कि उन्मेष जोशी ने अपने जरिए कोहिनूर मिल की जमीन खरीदी और उसपर कोहिनूर स्क्वेयर नाम की बहुमंजिली इमारत बनाई. इसके लिए इंफ्रास्ट्रक्चर लीजिंग और फाइनैंशियल सर्विसेज (IL&FS) के जरिये निवेश किया गया था. ED (IL&FS) के दिये गए कर्ज और इन्वेस्टमेंट की जांच कर रही है. हालांकि राज ठाकरे ने भी जांच के लिए ED दफ्तर में हाजिरी लगाई थी. उस समय राज ठाकरे ने लोकसभा चुनाव के प्रचार में मोदी सरकार का वीडियो दिखाकर पोल-खोल मुहिम शुरू की थी.

प्रताप सरनाईक- शिवसेना के विधायक प्रताप सरनाईक और उनके बेटे विहंग और पूर्वेश सरनाईक की टॉप्स सेल्युरिटीज के मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जांच शुरू है. उन्हें भी इस जांच के सिलसिले में ED ने कई बार पूछताछ के लिए बुलाया है.

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