एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने मंगलवार को केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी और केरल में सीपीआई (एम) सरकार द्वारा पत्रकारों को डराने-धमकाने, उनके खिलाफ FIR दर्ज करने पर चिंता जताई है. गिल्ड ने अपने बयान में दावा करते हुए कहा है कि स्मृति ईरानी ने 9 जून को अपने लोकसभा क्षेत्र अमेठी के दौरे के दौरान एक पत्रकार को धमकाया था, इसके साथ ही उस पत्रकार के अखबार मालिक को फोन करके शिकायत करने की धमकी भी दी थी.
दूसरी घटना केरल की है, जहां एक सीनियर महिला पत्रकार के खिलाफ स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया द्वारा दायर की गई एक शिकायत के आधार पर FIR दर्ज की गयी है. FIR में महिला पत्रकार को आरोपी की तरह पेश किया गया. स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया सीपीआई (एम) की एक छात्र शाखा है.
गिल्ड ने अपने बयान में कहा कि यह प्रेस की स्वतंत्रता को कमजोर करता है.
एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया के बयान में कहा गया है कि यह "गहरी चिंता का विषय है कि केवल राजनीतिक नेताओं पर रिपोर्टिंग करने भर से आप पर FIR हो सकती है और पुलिस आपको पूछताछ के लिए बुला सकती है.
एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने अपने बयान में लिखा है
एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया एक बार फिर सभी राजनीतिक दलों से कामकाजी पत्रकारों और मीडिया घरानों को परेशान न करने और डराने से रोकने के अपने बार-बार के अनुरोध को रेखांकित करता है. रिपोर्टर सवाल पूछने के लिए ग्राउंड पर हैं और राजनीतिक नेताओं और राज्य कानून प्रवर्तन एजेंसियों द्वारा कार्रवाई की धमकी लोकतांत्रिक सिद्धांतों के खिलाफ है. इसके अलावा, मीडिया हाउस का मौलिक कर्तव्य है कि वे अपने साथ काम करने वाले पत्रकारों, रिपोर्टरों और स्ट्रिंगरों की समान रूप से रक्षा करें, और उन्हें किसी भी प्रकार की राजनीतिक धमकियों के आगे नहीं झुकना चाहिए."
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