पीएम मोदी के देश को दिए संबोधन पर अब चुनाव आयोग एक्शन ले सकता है. पीएम का यह संबोधन आचार संहिता का उल्लंघन है या नहीं, इसके लिए एक जांच कमिटी बनाई गई है. चुनाव आयोग की तरफ से बुधवार शाम इसकी जानकारी मिली. पीएम मोदी ने बुधवार को अचानक एक ट्वीट किया और कहा कि मैं देश के नाम एक अहम संदेश लेकर आ रहा हूं. इसके बाद पीएम ने एंटी सैटेलाइट मिसाइल टेक्नॉलजी के बारे में देश को बताया. उन्होंने बताया कि भारत ने भी ऐसी मिसाइल तैयार कर ली है जो अंतरिक्ष में घूमती हुई किसी भी सैटेलाइट को निशाना बना सकती है.
राजनीतिक फायदे की जांच
अब चुनाव आयोग की तरफ से गठित की गई यह कमिटी यह पता लगाने की कोशिश करेगी कि क्या देश के नाम किया गया ये संबोधन राजनीतिक फायदे के लिए किया गया था. कमिटी ये जांच करेगी कि क्या पीएम ने वैज्ञानिकों की उपलब्धि का इस्तेमाल चुनावी लाभ लेने के लिए किया है. पीएम ने अपने संबोधन के लिए इलेक्ट्रॉनिक मीडिया का इस्तेमाल किया था. जिसके लिए यह मामला चुनाव आयोग के पास गया है.
पीएम मोदी के देश के नाम किए गए इस संबोधन पर कई विपक्षी दलों ने आपत्ति जताई है. कई दलों ने चुनाव आयोग में इसकी शिकायत की है और इसे आचार संहिता का उल्लंघन बताया है. जिसके बाद चुनाव आयोग ने यह कमिटी बनाई है
सीपीआई के महासचिव सीताराम येचुरी ने पीएम मोदी पर वैज्ञानिकों की उपलब्धि का राजनीतिक फायदा उठाने का आरोप लगाया है. उन्होंने चुनाव आयोग को लेटर लिखकर कहा कि चुनाव के दौरान प्रधानमंत्री ने राजनीतिक फायदा लेने के लिए देश को संबोधित किया. जो आचार संहिता का उल्लंघन है. उन्होंने पूछा है कि क्या पीएम ने आयोग से इस संबोधन की इजाजत ली थी?
पीएम ने कहा नहीं किया उल्लंघन
पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा, भारत हमेशा से अंतरिक्ष में हथियारों की होड़ के खिलाफ रहा है इस परीक्षण से इस नीति में कोई बदलाव नहीं आया है. आज का परीक्षण किसी भी अंतरराष्ट्रीय कानून या संधि समझौतों का उल्लघंन नहीं करता है.
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