ADVERTISEMENTREMOVE AD

कॉलेजियम से एक और कलह,केंद्र ने जस्टिस कुरैशी का प्रमोशन रोका

यह तीसरी बार है, जब किसी जज की नियुक्त के लिए सरकार और कॉलेजियम के बीच टकराव की हालत पैदा हुई है

Published
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा

जजों की नियुक्ति के सवाल पर कॉलेजियम और सरकार के बीच टकराव का एक और मामला सामने आया है. सरकार ने गुजरात हाईकोर्ट के जस्टिस अकील कुरैशी को मध्य प्रदेश हाईकोर्ट का चीफ जस्टिस बनाने की  सिफारिश लौटा दी है. सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम की ओर से जस्टिस कुरैशी के नाम पर दोबारा विचार करने को कहा है.

इस बारे में एनडीटीवी ने रिपोर्ट छापी है.

ADVERTISEMENTREMOVE AD
इसे लेकर सरकार अब तक तीन बार कॉलेजियम की सिफारिश लौटा चुकी है. इससे पहले जस्टिस केएम जोसेफ और सीनियर वकील गोपाल सुब्रह्मण्‍यम के मामले में भी सरकार ने कॉलेजियम की सिफारिश नामंजूर कर दी थी. जस्टिस कुरैशी को मध्य प्रदेश हाईकोर्ट का चीफ जस्टिस बनाने के मामले में सरकार ने कॉलेजियम से दोबारा विचार करने को कहा है.

चीफ जस्टिस गोगोई की बेंच कर रही है सुनवाई

इसके बाद 28 अगस्त को चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की बेंच ने इस मामले पर सुनवाई की. दरअसल, गुजरात हाईकोर्ट एडवोकेट्स एसोसिएशन ने याचिका दायर कर सरकार पर जान-बूझकर जस्टिस कुरैशी की नियुक्ति को रोकने का आरोप लगाया था.

एसोसिएशन ने अपनी याचिका में कहा है कि सरकार सिर्फ जस्टिस कुरैशी की ही नियुक्ति को रोक रही है, जबकि उनके साथ जिन जजों की नियुक्ति की सिफारिश की गई थी, उन पर रोक नहीं लगाई गई है.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

पिछले साल कॉलेजियम ने सरकार से उत्तराखंड हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस केएम जोसेफ को सुप्रीम कोर्ट का जज बनाने की सिफारिश की थी. लेकिन सरकार ने यह कहकर इनकार किया था कि सुप्रीम कोर्ट में अन्य राज्यों का पर्याप्त प्रतिनिधित्व नहीं है. इस मामले में भी सरकार और सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम के बीच टकराव पैदा हो गया था.

विपक्ष ने कहा था कि सरकार जान-बूझकर न्यायपालिका अपमान कर रही है, वह बदले की कार्रवाई पर उतारू है, क्योंकि जस्टिस जोसेफ ने उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन के खिलाफ फैसला दिया था.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
×
×