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मोइन कुरैशी मामले में सतीश बाबू सना को ED ने किया गिरफ्तार

सतीश बाबू सना को प्रवर्तन निदेशालय ने दिल्ली से गिरफ्तार किया है.

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भारत
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मोइन कुरैशी मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बड़ी कार्रवाई करते हुए कारोबारी सतीश बाबू सना को गिरफ्तार कर लिया है. अब सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने सतीश बाबू सना को 5 दिन के ED रिमांड में भेज दिया गया है.सीबीआई के स्पेशल डायरेक्टर रहे राकेश अस्थाना पर सतीश बाबू सना ने 3 करोड़ रुपये की रिश्वत मांगने का आरोप लगाया था. इसके बाद तत्कालीन सीबीआई डायरेक्टर आलोक वर्मा ने राकेश अस्थाना और अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी. सतीश बाबू सना को प्रवर्तन निदेशालय ने दिल्ली से गिरफ्तार किया है.

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अधिकारियों ने शनिवार को बताया कि सना को धन शोधन निवारण कानून (पीएमएलए) की धाराओं के तहत ईडी ने शुक्रवार देर रात गिरफ्तार किया. उन्होंने बताया कि सतीश बाबू की हिरासत की मांग करने के लिए उसे शनिवार को एक विशेष अदालत के सामने पेश किए जाने की संभावना है.

केंद्रीय जांच ब्यूरो ने एजेंसी में नंबर वन की हैसियत रखने वाले तत्कालीन सीबीआई डायरेक्टर आलोक वर्मा और नंबर दो माने जाने वाले स्पेशल डायरेक्टर रहे राकेश अस्थाना के बीच तनातनी के दौरान सतीश बाबू की ही शिकायत पर सीबीआई ने अस्थाना के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों पर एफआईआर दर्ज की थी.

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ईडी ने सरकारी अधिकारियों के साथ मिली भगत करके कथित भ्रष्टाचार के लिए 2017 में मीट एक्सपोर्टर मोईन कुरैशी के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया था. ईडी इस मामले में पूर्व सीबीआई निदेशक ए पी सिंह के खिलाफ की भी जांच कर रही है.

एक मजिस्ट्रेट के सामने दिये गए सना सतीश बाबू के बयान ने ही सीबीआई के दो वरिष्ठ अधिकारियों के विवाद को जटिल बना दिया था.
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कौन है सतीश बाबू सना

सतीश बाबू सना आंध्र प्रदेश के काकीनाडा का रहने वाला है. वो कुछ समय तक आंध्र प्रदेश स्टेट इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड का कर्मचारी रहा. बाद में उसने नौकरी छोड़ दी और हैदराबाद चला गया. हैदराबाद में उनसे कई कंपनियां खड़ी कर दीं, और कारोबारी जगत में काफी ऊंचाई तक पहुंच गया. सना के तेलुगुदेशम पार्टी, कांग्रेस और वाईएसआर कांग्रेस के कई राजनेताओं से करीबी रिश्ते रहे हैं. सना का नाम सबसे पहले 2015 में ईडी की एक जांच में सामने आया. यह मामला मांस निर्यातक मोइन कुरैशी से जुड़ा था. 2017 में सना ने इस मामले में मोइन कुरैशी की तरफ से मामले की पेचीदगी को सुलझाने की कोशिश की. तब मामला ईडी और सीबीआई में आ चुका था.

सतीश बाबू सना रसमा एस्टेट एलएलपी, गोल्डकोस्ट प्रॉपर्टीज प्राइवेट लिमिटेड, मैट्रिक्स नेचुरल रिसोर्सेज प्राइवेट लिमिटेड, ईस्ट गोदावरी ब्रेवरीज प्राइवेट लिमिटेड में डायरेक्टर रहा है.

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