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IAS चंद्रकला नहीं पहुंचीं ईडी दफ्तर,दोबारा जारी होगा समन  

अवैध खनन मामले में पूछताछ के लिए चंद्रकला को लखनऊ के अशोक मार्ग पर मौजूद ईडी के दफ्तर में बुलाया गया था.

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उत्तर प्रदेश के अवैध खनन मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) गुरुवार को हमीरपुर की पूर्व डीएम बी चंद्रकला से गुरुवार को पूछताछ होने वाली थी. लेकिन वह ईडी दफ्तर नहीं पहुंचीं. उनके वकील ने कहा कि उनसे जो दस्तावेज मांगे गए थे उन्हें जमा कर दिया गया है. चंद्रकला बाद में ईडी दफ्तर में हाजिर होंगी. चंद्रकला के अलावा इस मामले से जुड़े तत्कालीन खनन अधिकारी और जियोलॉजिस्ट मोइनुद्दीन से भी ईडी गुरुवार को ही पूछताछ होना है.

बी चंद्रकला समेत 11 लोगों के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय ने पिछले दिनों केस दर्ज करते हुए उन्हें पूछताछ के लिए सम्मन जारी किया था. घोटाले की जांच के लिए ईडी ने सवालों की लिस्ट तैयार कर रखी है.

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मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पूछताछ के लिए चंद्रकला को दिन में 11.30 बजे लखनऊ के अशोक मार्ग पर मौजूद ईडी के दफ्तर में बुलाया गया था. मोइनुद्दीन से पूछताछ के लिए शाम का वक्त तय किया गया है. ईडी ने दोनों से ही उनके इनकम टैक्स रिटर्न, संपत्तियों के दस्तावेज, सभी बैंक खातों के दस्तावेज और निवेश के कागजात मंगवाए थे.दस्तावेजों की पड़ताल के बाद ईडी खनन घोटाले में पैसों के लेन देन की कड़ियां तलाशेगा.

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इन आरोपियों से भी होगी पूछताछ

बी चंद्रकला और मोईनुद्दीन के अलावा कई और आरोपियों के खिलाफ भी ईडी ने केस दर्ज करते हुए उन्हें पूछताछ के लिए सम्मन जारी किया था. इनमें तत्कालीन खनन क्लर्क रामआसरे प्रजापति, सपा एमएलसी रमेश मिश्रा के भाई दिनेश मिश्रा, पट्टाधारक अंबिका तिवारी, बसपा नेता और पट्टाधारक संजय दीक्षित, सत्यदेव दीक्षित, जालौन निवासी पट्टाधारक रामअवतार सिंह, करन सिंह और लखनऊ निवासी आदिल खान शामिल हैं. इन सभी को पूछताछ के लिए ईडी ने अलग-अलग तारीख दी है.

चंद्रकला पर क्या है आरोप?

बी. चंद्रकला पर हमीरपुर में जिलाधिकारी रहते हुए अवैध खनन और अपने परिचित लोगों को खनन पट्टे देने का आरोप है. चंद्रकला ने जुलाई 2012 के बाद हमीरपुर जिले में 50 मौरंग के खनन के पट्टे दिए थे, जबकि ई-टेंडर के जरिए मौरंग के पट्टों पर स्वीकृति देने का प्रावधान था, लेकिन बी.चंद्रकला ने सारे प्रावधानों की अनदेखी की थी.
एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए दो साल पहले हाईकोर्ट ने बी.चंद्रकला की ओर से आवंटित सभी मौरंग खनन के पट्टों को खारिज कर दिया था. कोर्ट ने उनके कार्यकाल के दौरान हुए खनन और पट्टों के आवंटन की सीबीआई जांच का आदेश दिया था.

इसके बाद CBI ने इस महीने की 5 तारीख को बी. चंद्रकला के लखनऊ स्थित आवास समेत प्रदेश के अन्य जिलों- हमीरपुर, जालौन, बुलंदशहर आदि कई जगहों पर भी छापेमारी की थी. छापे में सीबीई टीम ने चंद्रकला के घर से कई अहम दस्तावेज भी जब्त किए थे.

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