यूरोपीय यूनियन ने पूछा है कि भारत 2022 तक किसानों की आय कैसे दोगुनी करेगा. यूरोपीय यूनियन ने डब्ल्यूटीओ में पीएम नरेंद्र मोदी से पूछा है कि पीएम 100 खरब रुपये की योजना के तहत 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के 250 खरब रुपये खर्च करने में के प्रस्ताव में क्या है.
यूरोपीय यूनियन ने कहा,मौजूदा हालात में कैसे करेंगे यह काम
यूरोपीय यूनियन ने कहा है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कृषि उत्पादों की कीमतों और जरूरत से ज्यादा उत्पादन रोकने के लिए उठाए गए कदमों के मद्देनजर भारत कैसे यह काम करेगा.दरअसल अमेरिका और भारत की ओर से कृषि सेक्टर को भारी समर्थन देने के कदम की जांच डब्ल्यूटीओ के दूसरे सदस्य कर रहे हैं. इसी के तहत डब्ल्यूटीओ की एग्रीकल्चर कमेटी को भारत और अमेरिका में किसानों के समर्थन में उठाए जाने वाले कदमों के बारे में सवाल भेजे गए हैं.
भुगतानों को लेकर WTO के नियम काफी सख्त हैं, और सदस्य देशों की सरकारें अन्य देशों पर कड़ी नजर रखती हैं, ताकि कोई बेईमानी न कर सके. 25-26 जून को होने वाली बैठक के लिए पेश किए गए 62 पन्नों में किए गए सवालों में स्पष्टीकरण के आग्रहों से लेकर गैरकानूनी तरीके से किए गए भुगतानों को लेकर लगाए जा रहे आरोप तक शामिल हैं.
सब्सिडी पर भी उठ रहे हैं सवाल
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और भारत के पीएम नरेंद्र मोदी दोनों नेताओं ने किसानों की आय को बढ़ाने को प्राथमिकता करार दिया है. ट्रंप इस वक्त चीन के साथ ट्रेड वॉर की वजह से घरेलू नुकसान की भरपाई के उपायों में जुटे हैं, जबकि भारत में कृषि सेक्टर को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. देश के किसानों को दोगुना करना बीजेपी सरकार का पुराना नारा रहा है.अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया ने भी भारत की कृषि क्षेत्र को दी जाने वाली नई 'ट्रांसपोर्ट और मार्केटिंग सहायता' की विस्तार से जानकारी मांगी है, जो ऑस्ट्रेलिया के मुताबिक एक्सपोर्ट सब्सिडी ही है, जिसे धीरे-धीरे खत्म किया जाना है.
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