ADVERTISEMENTREMOVE AD

भारत बंद से पहले किसान संगठनों ने कहा, अब हमारे मन की बात सुनें PM

किसानों के समर्थन में हरियाणा, पंजाब, राजस्थान की सभी मंडियां बंद रहेंगी.

Published
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा

नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसान संगठनों ने 8 दिसंबर को भारत बंद का ऐलान किया है. इसी को देखते हुए आज किसान संगठनों ने सिंघु बॉर्डर पर प्रेस कॉन्फ्रेंस की. किसानों ने साफ-साफ केंद्र सरकार से कहा है कि आंदोलन को तेज करना उनकी मजबूरी है क्योंकि केंद्र सरकार उनके मुद्दों पर संजीदगी से फैसला नहीं ले रही है.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

किसानों ने बताया 8 तारीख को क्या बंद रहेगा और क्या खुला

बता दें कि हजारों किसान दिल्ली के अलग-अलग बॉर्डर पर पिछले 11 दिनों से डटे हुए हैं. किसान संगठनों ने 8 तारीख को बंद को लेकर कुछ गाइडलाइन बनाई हैं. स्वराज इंडिया के अध्यक्ष योगेंद्र यादव भी इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में मौजूद थे. योगेंद्र यादव ने कहा,

8 तारीख को सुबह से शाम तक भारत बंद रहेगा. चक्का जाम शाम तीन बजे तक रहेगा. दूध-फल-सब्जी पर रोक रहेगी. शादियों और इमरजेंसी सर्विसेज पर किसी तरह की रोक नहीं होगी.

साथ ही ये भी बताया कि हरियाणा, पंजाब, राजस्थान से भी समर्थन की चिट्ठी मिली हैं और इन राज्यों की सभी मंडियां बंद रहेंगी. इसके अलावा उत्तराखंड व्यापार मंडल ने भी किसानों के भारत बंद को समर्थन देने और बाजार को बंद रखने का ऐलान किया है.

अब किसानों के मन की बात सुने सरकार

बता दें कि सरकार ने 9 तारीख को किसानों को छठी बार मिलने के लिए बुलाया है. सिंघु बॉर्डर पर मौजूद भारतीय किसान यूनियन के जनरल सेक्रेटरी जगमोहन सिंह ने कहा,

उन्होंने बातचीत के लिए समय मांगा है पर पता नहीं किससे बात करेंगे ऑफिसर्स से कॉर्पोरेट घरानों से या नागपुर RSS से. इतने सालों से मोदी की मन की बात सुन रहे हैं अब ये किसानों के मन की बात सुनें.

11 राजनीतिक दलों का मिला समर्थन

किसानों के भारत बंद के अह्वान को अब 11 राजनीतिक दलों से समर्थन मिला है. अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति (AIKSCC) ने बताया कि अब तक कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, आरजेडी, डीएमके, एनसीपी, सीपीआईएम, सीपीआई जैसी बड़ी पार्टियों ने किसानों के भारत बंद को समर्थन दिया है.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
×
×