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सरकार 2 अक्टूबर तक वापस ले कानून, दबाव में नहीं होगी बातचीत- टिकैत

टिकैत ने कहा- इन लोगों को देश से कोई लगाव नहीं है, इन्हें व्यापारियों से लगाव है

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केंद्र के तीन विवादित कृषि कानूनों को लेकर किसानों का प्रदर्शन लगातार जारी है. जहां सरकार जिद पर अड़ी है कि उसके कानून पूरी तरह से किसानों के हित में हैं, वहीं किसानों का कहना है कि वो कानून रद्द करवाकर ही मानेंगे. इस बीच भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत का एक और बड़ा बयान सामने आया है. केंद्र सरकार के खिलाफ हमलावर होते हुए टिकैत ने कहा कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होती हैं, वो घर नहीं लौटने वाले हैं.

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किसी भी तरह के दबाव में नहीं होगी बातचीत

बीकेयू नेता राकेश टिकैत कृषि कानूनों को लेकर अब लगातार केंद्र सरकार पर हमलावर हैं. उन्होंने सरकार को साफ बताया है कि अब वो किसी भी दबाव में नहीं आने वाले हैं. टिकैत ने कहा,

“हमने सरकार को 2 अक्टूबर तक का समय दिया है. सरकार तब तक अपने कानूनों को रद्द कर सकती है. इसके बाद हम आगे की प्लानिंग करेंगे. हम सरकार के साथ किसी भी दबाव में आकर बातचीत नहीं करेंगे. जब प्लेटफॉर्म बराबरी का हो जाएगा तो तभी बातचीत होगी.”

इन्हें देश से नहीं व्यापारियों से लगाव है- टिकैत

टिकैत ने अपने साथी किसानों को संबोधित करते हुए कहा था कि, ये आंदोलन लगातार ऐसा ही चलता रहेगा. उन्होंने कहा कि अभी कानून वापस नहीं हुए तो कभी नहीं होंगे. साथ ही केंद्र पर हमला बोलते हुए टिकैत ने कहा था कि, इन लोगों को देश से कोई लगाव नहीं है, इन्हें व्यापारियों से लगाव है. इन्हें किसानों से नहीं उनके अनाज से लगाव है. लेकिन अगर ये कील बोएंगे, तो हम अनाज बोएंगे.

10 साल पुराना ट्रैक्टर भी चलेगा

टिकैत ने आरोप लगाया कि जो किसान ट्रैक्टर सड़कों पर लेकर आए, उनके घरों पर नोटिस जा रहे हैं. अगर हिंदुस्तान का ट्रैक्टर है तो वो हिंदुस्तान की सड़कों पर चलेगा. टिकैत ने कहा कि 10 साल पुराना ट्रैक्टर भी चलेगा. इससे भी उद्योगपतियों को फायदा पहुंचाने की कोशिश हो रही है. लेकिन अब हमारा अगला टारगेट 40 लाख ट्रैक्टर निकालने का है. अगर सरकार एमएसपी पर कानून बनाए और तीनों कानूनों को वापस ले, तभी किसान घर जाएगा,.

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बता दें कि प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों ने शनिवार 6 फरवरी को देशभर में चक्का जाम करने का फैसला किया था. सिर्फ दिल्ली, यूपी और उत्तराखंड में चक्का जाम नहीं किया गया. बाकी के कई राज्यों में इसका असर देखने को मिला. तीन घंटे के चक्का जाम के बाद राकेश टिकैत ने किसानों को संबोधित किया.

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