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किसानों को 3 प्वाइंट से दिल्ली में आकर ट्रैक्टर रैली की अनुमति

दिल्ली में 26 जनवरी को प्रस्तावित है प्रदर्शनकारी किसानों की ट्रैक्टर रैली

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केंद्र के 3 नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों को दिल्ली पुलिस ने गणतंत्र दिवस पर ट्रैक्टर रैली की सशर्त इजाजत दे दी है. दिल्ली पुलिस के इंटेलिजेंस स्पेशल सीपी दीपेंद्र पाठक ने रविवार को बताया कि प्रदर्शनकारी किसानों को 3 जगहों से दिल्ली के अंदर आकर ट्रैक्टर रैली करने की अनुमति दी गई है.

पुलिस ने ट्रैक्टर रैली के लिए टिकरी बॉर्डर से 63 किलोमीटर, सिंघु बॉर्डर से 62 किलोमीटर और गाजीपुर से 46 किलोमीटर के रूट को मंजूरी दी है.

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हालांकि, पुलिस ने प्रदर्शनकारी किसानों से कहा है कि ट्रैक्टर रैली की वजह से दिल्ली में गणतंत्र दिवस के कार्यक्रम, उससे जुड़ी सुरक्षा व्यवस्था और बाकी इंतजामों पर कोई असर नहीं होना चाहिए.

पाठक ने कहा कि खुफिया और कई अन्य एजेंसियों के जरिए, लगातार ट्रैक्टर रैली में परेशानी पैदा करने से जुड़े इनपुट मिल रहे हैं, भ्रम पैदा करने के लिए पाकिस्तान से 308 ट्विटर हैंडल बनाए गए हैं.

इससे पहले प्रदर्शनकारी संगठनों में से एक स्वराज इंडिया के अध्यक्ष योगेंद्र यादव ने रविवार को ही बताया था कि किसानों को ट्रैक्टर रैली के लिए दिल्ली पुलिस की औपचारिक मंजूरी मिल चुकी है.

यादव ने बताया था, ‘’आज दिल्ली पुलिस के अधिकारियों के साथ एक छोटी सी बैठक हुई. ट्रैक्टर रैली के लिए हमें पुलिस से औपचारिक मंजूरी मिल गई है. जैसा कि मैंने पहले बताया था, 26 जनवरी को किसान गणतंत्र परेड शांतिपूर्ण तरीक से होगी. ‘’

इस बीच, दिल्ली पुलिस कमिश्नर ने कहा है कि गणतंत्र दिवस परेड की सुरक्षा में तैनात सभी अधिकारी, CAPF और बाकी फोर्स को किसान ट्रैक्टर परेड से संबंधित किसी भी कानून-व्यवस्था के इंतजाम के लिए शॉर्ट नोटिस पर आगे बढ़ने के लिए तैयार रहना चाहिए.

बता दें कि प्रदर्शनकारी किसान संगठन केंद्र सरकार की ओर से लाए गए कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) कानून 2020, कृषक (सशक्तीकरण एवं संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा करार कानून 2020 और आवश्यक वस्तु (संशोधन) कानून 2020 को वापस लेने और न्यूनतम समर्थन मूल्य पर फसलों की खरीद की कानूनी गारंटी देने की मांग कर रहे हैं.

सरकार और किसान नेताओं के बीच इस मामले को लेकर कई दौर की बातचीत में कोई ठोस नतीजा नहीं निकला है. इस बीच, हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने नए कृषि कानूनों और किसानों के आंदोलन को लेकर दायर अलग-अलग याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान इन कानूनों के अमल पर रोक लगा दी थी.

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