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लालकिले पर प्रदर्शन के दो रूप, कुछ पुलिस को पीटते दिखे, कुछ बचाते

हैरानी की बात ये रही कि प्रदर्शकारियों में शामिल कुछ लोग पुलिसकर्मियों को बेरहमी से मारते हुए नजर आए.

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गणतंत्र दिवस पर आयोजित किसानों का ट्रैक्टर मार्च अपने तय रास्ते से 'भटक' गया. इस दौरान प्रदर्शनकारियों के कई समूह लाल किले में दाखिल हो गए. खबर लिखे जाने तक प्रदर्शनकारी लाल किले पर मौजूद थे. लाल किले पर कई जगहों पर धर्म विशेष से जुड़ा झंडा लगा देखा जा सकता है.

हैरानी की बात ये रही कि प्रदर्शकारियों में शामिल कुछ लोग पुलिसकर्मियों को बेरहमी से मारते हुए नजर आए. काफी आक्रामक नजर आ रहे इन प्रदर्शनकारियों ने कुछ पुलिसकर्मियों को बेरहमी से मारा. एक पुलिसवाले का सिर फूटा हुआ आप इन तस्वीरों में देख सकते हैं. कुछ और पुलिसवालों को भी चोट आई है. वहीं इस दौरान प्रदर्शन में ही शामिल कुछ लोग पुलिसवालों को बचाते हुए भी नजर आ रहे थे.

 हैरानी की बात ये रही कि प्रदर्शकारियों में शामिल कुछ लोग पुलिसकर्मियों को बेरहमी से मारते हुए नजर आए.
(फोटो: क्विंट हिंदी)
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हिंसा पर बोले टिकैत- सियासी दलों के लोग कर रहे गड़बड़ी

बता दें कि किसानों और पुलिस के बीच हुए समझौते को प्रदर्शनकारियों ने तोड़ दिया, जिसके बाद कई जगह पुलिस और किसानों के बीच तीखी झड़प हुई. इस तमाम बवाल के बाद किसान नेताओं पर आरोप लगने शुरू हो गए.

अब किसान नेताओं की तरफ से प्रतिक्रिया भी आ रही है. किसान नेता राकेश टिकैत ने इस पूरी घटना को लेकर कहा कि, "हमें पता है कि कौन वो लोग हैं जो इस आंदोलन में बाधा डालना चाहते हैं, जो तोड़फोड़ कर रहे हैं. कुछ राजनीतिक पार्टी के लोग जानबूझकर आंदोलन को कमजोर करना चाहते हैं. उन लोगों की पहचान हो चुकी है. हम पूरे मामले को देख रहे हैं."

स्वराज इंडिया के अध्यक्ष और किसान नेता योगेंद्र यादव ने ट्विटर पर एक वीडियो मैसेज जारी किया है. जिसमें उन्होंने कहा कि पुलिस और मीडिया की तरफ से जो जानकारी मिल रही है, उससे पता चला कि किसान बैरिकेड तोड़ रहे हैं और दिल्ली के दूसरे इलाकों में किसान आ गए हैं.

मैं कहना चाहता हूं कि अब तक कोई लाठीचार्ज नहीं हुआ है, गोली चलने का तो सवाल ही नहीं है. ये पूरी तरह से अफवाह है, इस पर ध्यान न दें. अफवाह से नुकसान होता है.
योगेंद्र यादव

दिल्ली की सीमाओं पर बीते दो महीने से अधिक समय से आंदोलन कर रहे किसानों को गणतंत्र किसान परेड निकालने के लिए जो रूट और समय तय किए गए थे उसको न मानते हुए प्रदर्शनकारी समय से पहले टिकरी और सिंघु बॉर्डर पर लगे बैरीकेड को तोड़ते हुए राष्ट्रीय राजधानी की सीमा में प्रवेश कर गए. पुलिस की तरफ से कुछ जगहों पर आंसू गैस के गोले बरसाए गए.

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