किसान आंदोलन का आज 38वां दिन है. केंद्र सरकार और किसानों के बीच भले ही 7वें दौर की बातचीत में दो मु्द्दों पर सहमति बनी हो, लेकिन कृषि कानून पर राह मुश्किल नजर आ रही है. केंद्र के साथ अलगी बैठक से पहले किसानों ने अपने तेवर दिखाए हैं और कहा है कि सरकार किसानों को हल्के में लेने की गलती कर रही है. साथ ही अगली बैठक को लेकर चेतावनी भी दी है कि अगर 4 जनवरी को कोई हल नहीं निकला तो आंदोलन को तेज किया जाएगा और हरियाणा में मॉल और पेट्रोल पंप बंद किए जाएंगे.
50 फीसदी मुद्दे नहीं हुए हैं हल- यादव
केंद्र और किसानों के बीच 4 जनवरी को अगले दौर की बातचीत होनी है. लेकिन इस बातचीत से पहले सिंघु बॉर्डर पर करीब 80 किसान संगठनों की एक बैठक हुई. जिसमें कई मु्द्दों पर चर्चा की गई. साथ ही ये भी बताया गया कि अगर सरकार ने 4 तारीख को बात नहीं मानी तो आगे क्या कदम उठाए जाएंगे.
इसे लेकर स्वराज इंडिया के अध्यक्ष और किसान नेता योगेंद्र यादव ने कहा कि,
“अगली बैठक में अगर हमारी मांगे नहीं मानी जाती हैं तो हम इसके बाद कुंडली-मानेसर-पलवल में 6 जनवरी को मार्च करेंगे. इसके बाद हम शाहजहांपुर बॉर्डर से आगे बढ़ने की तारीख का भी ऐलान करेंगे. 50 फीसदी मुद्दों को हल किए जाने वाला दावा गलत है. हमारी दो मुख्य मांगें तीनों कृषि कानूनों को खत्म किया जाना और एमएसपी की कानूनी गारंटी अभी बाकी है.”
योगेंद्र यादव के अलावा भारतीय किसान यूनियन के नेता युधवीर सिंह ने कहा कि सरकार किसानों को हल्के में ले रही है. सरकार शाहीन बाग के प्रदर्शन को खत्म करवाने में सफल रही थी, वो अब इस आंदोलन के लिए भी यही सोच रहे हैं. लेकिन वो दिन कभी नहीं आएगा.
चौटाला-खट्टर गठबंधन के खिलाफ तैयारी
वहीं हरियाणा के एक किसान नेता विकास सिरसा ने बताया है कि वो हरियाणा सरकार के खिलाफ अब प्रदर्शन की तैयारी कर रहे हैं. उन्होंने कहा, हरियाणा के सभी टोल प्लाजा फ्री कर दिए जाएंगे. प्राइवेट पेट्रोल पंपों को छोड़कर सभी सरकारी पेट्रोल पंप बंद होंगे, साथ ही हरियाणा के मॉल भी बंद कराए जाएंगे. इसके अलावा सत्ताधारी बीजेपी और जेजेपी के नेताओं के घरों के बाहर प्रदर्शन होंगे. ये तब तक जारी रहेगा, जब तक चौटाला और खट्टर का गठबंधन जारी रहेगा.
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