प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 20 लाख करोड़ के आर्थिक पैकेज का ऐलान करने के बाद 15 मई को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने तीसरी प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इस दौरान वित्त मंत्री ने कृषि क्षेत्र के लिए कई ऐलान किए. हालांकि इन ऐलानों में किसानों के हाथ में पैसा देने की किसी योजना का जिक्र नहीं था. सीतारमण ने बताया कि पिछले दो महीने में MSP पर 74300 करोड़ की खरीदारी की गई है. वहीं प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत 18700 करोड़ सीधे खाते में दिए गए हैं.
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वित्त मंत्री ने बताया कि फसल बीमा योजना में 6400 करोड़ के दावे निपटाए गए हैं.
वित्त मंत्री के 10 बड़े ऐलान
- 1 लाख करोड़ का फंड बनेगा जो एग्रीगेटर, FPO, एग्री स्टार्टअप्स के लिए होगा, ताकि भंडारण क्षमता बढ़ाई जा सके.
- छोटी फूट प्रोसेसिंग कंपनियों के लिए-लोकल के वोकल के तहत 10,000 करोड़ का फंड दिया जाएगा, जिससे 2 लाख उद्यमियों को फायदा होगा. इसमें इलाके के मशहूर उत्पाद और महिलाओं, पिछड़ी जातियों को मदद देने पर फोकस होगा.
- प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत 20,000 करोड़ का फंड आवंटित होगा. इससे 55 लाख लोगों को नौकरी मिलेगी. निर्यात भी दोगुना हो सकता है.
- 4.53 करोड़ मवेशियों का टीकाकरण कराया जाएगा, जिसमें 13,000 करोड़ का खर्च आएगा.
- डेयरी इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए 15000 करोड़ का फंड होगा. इससे पशुपालकों को मदद मिलेगी.
- जड़ी बूटियों को बढ़ावा देने के लिए 4,000 करोड़ दिया जाएगा. 10 लाख हेक्टेयर जमीन पर खेती होगी जिससे किसानों को 5000 करोड़ की आमदनी होगी. गंगा किनारे 800 हेक्टेयर जमीन पर जड़ी-बूटियां उगाई जाएंगी.
- मधुमक्खी पालन के लिए 500 करोड़ दिया जाएगा. इससे 2 लाख मधुमक्खी पालकों को फायदा होगा.
- टॉप टू टोटल योजना के तहत सप्लाई चेन बहाल करने के लिए 500 करोड़ का आवंटन. प्याज, टमाटर, आलू की तरह बाकी उत्पादों के लिए भी ट्रांसपोर्ट और स्टोरेज के लिए 50-50% सब्सिडी दी जाएगी. ये 6 महीने तक पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर चलेगा.
- आवश्यक वस्तुएं अधिनियम में संशोधन होगा. इसके तहत अनाज, दलहन, आलू, प्याज आदि की खरीद-बिक्री, स्टोरेज सीमा पर कोई पाबंदी नहीं होगी. इससे किसान कम दाम पर उत्पाद बेचने पर मजबूर नहीं होंगे.
- किसान मनचाही कीमत पर बेच पाएं इसके लिए कानून लाया जाएगा. इस कदम से किसान सिर्फ लाइसेंस धारियों को बेचने के लिए मजबूर नहीं होंगे. एक से दूसरे राज्य में उत्पाद ले जाने में भी दिक्कत नहीं होगी. किसानों को ई-ट्रेडिंग की सुविधा भी मिलेगी.
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