ADVERTISEMENTREMOVE AD

वित्त सचिव गर्ग ने खुद बताया- ‘31 अक्टूबर से मांगा है रिटायरमेंट’ 

मोदी सरकार में बतौर वित्त सचिव काम कर रहे सुभाष चंद गर्ग ने 31 अक्टूबर से वॉलेंटरी रिटायरमेंट मांगा है

Published
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा

मोदी सरकार में बतौर वित्त सचिव काम कर रहे सुभाष चंद गर्ग ने 31 अक्टूबर से वॉलेंटरी रिटायरमेंट मांगा है. गर्ग ने एक ट्वीट में बताया है कि वो 26 जुलाई से ऊर्जा मंत्रालय में कामकाज संभालेंगे. इससे पहले 24 जुलाई को मोदी सरकार ने वित्त सचिव सुभाष चंद्र गर्ग का तबादला ऊर्जा मंत्रालय में कर दिया था.

मोदी सरकार में बतौर वित्त सचिव काम कर रहे सुभाष चंद गर्ग ने 31 अक्टूबर से वॉलेंटरी रिटायरमेंट मांगा है
ADVERTISEMENTREMOVE AD

1983 बैच के IAS ऑफिसर गर्ग को जुलाई 2017 में आर्थिक मामलों के सचिव की जिम्मेदारी दी गई थी. इस साल मार्च में उन्हें वित्त सचिव बनाया गया. अब उनके ऊर्जा मंत्रालय में तबादले को डिमोशन के तौर पर देखा जा रहा है, क्योंकि वित्त सचिव का पद बेहद खास है. इस पद पर काफी सीनियर अधिकारी को ही जिम्मेदारी मिलती है.

वित्त सचिव की रेस में कौन-कौन?

बताया जा रहा है कि वरिष्ठता को देखते हुए अब वर्तमान राजस्व सचिव अजय भूषण पांडेय और वित्तीय सेवा सचिव राजीव कुमार में से कोई एक वित्त सचिव के तौर पर कार्यभार संभाल सकता है. हालांकि सरकार की तरफ से अभी तक इस बात की कोई भी जानकारी नहीं दी गई है.

अश्विनी महाजन की 'चुटकी' क्या कहती है?

मोदी सरकार में बतौर वित्त सचिव काम कर रहे सुभाष चंद गर्ग ने 31 अक्टूबर से वॉलेंटरी रिटायरमेंट मांगा है

आरएसएस के स्वदेशी जागरण मंच (एसजेएम) के सह-संयोजक अश्विनी महाजन ने गर्ग के इस तबादले पर चुटकी ली थी. अश्विनी महाजन ने ट्विटर पर लिखा, यs मुझे यकीन दिलाता कि विदेशी कर्ज के शानदार आइडिया के लिए उन्हें (सुभाष गर्ग) ये इनाम मिला है.

सरकारी योजना का किया था विरोध

हाल ही में स्वदेशी जागरण मंच के सह-संयोजक अश्विनी महाजन ने मोदी सरकार की फॉरेन करेंसी बॉन्ड बेचकर पैसा कमाने वाली योजना को देश विरोधी करार दिया था. उन्होंने सरकार की इस योजना का विरोध करते हुए कहा था कि इस पर दोबारा विचार किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा था कि ये देश विरोधी कदम है, क्योंकि इसका असर आने वाले समय में अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा. अब वित्त सचिव के तबादले पर उनका ये ट्वीट उनके इसी बयान की तरफ इशारा करता है.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें
×
×