ADVERTISEMENTREMOVE AD

FinCEN फाइल्स: भारत से जुड़े $1.53 बिलियन के 3201 संदिग्ध लेन-देन

लिस्ट में किस-किसका नाम शामिल है?

Updated
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा

अमेरिकी ट्रेजरी विभाग के शीर्ष वित्तीय वॉचडॉग फाइनेंशियल क्राइम्स एनफोर्समेंट नेटवर्क (FinCEN) को बड़ी संख्या में भारत से संदिग्ध लेन-लेन का पता चला है. दरअसल उसे मनी लॉन्ड्रिंग, आतंकवाद को पैसा, ड्रग डीलिंग या वित्तीय धोखाधड़ी को लेकर संदिग्ध गतिविधि रिपोर्ट्स (SARs) मिली हैं. अंग्रेजी अखबार द इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है.

ADVERTISEMENTREMOVE AD
रिपोर्ट में कहा गया है, ‘’कुल 3,201 लेन-देन ऐसे हैं, जिनको संदिग्ध के तौर पर लिस्ट किया गया है और ये 1.53 बिलियन डॉलर के हैं - लेकिन ये केवल वे हैं जहां अलग-अलग एंटिटी (सेंडर, बैंक, रिसीवर) से जुड़े भारतीय पते उपलब्ध हैं.’’

क्या हैं SARs और इनका मतलब क्या है?

SARs महज रेड फ्लैग्स हैं, जिनको संदिग्ध लेन-देन के लिए उठाया जाता है, जो कथित मनी लॉन्ड्रिंग, टैक्स से बचाव आदि हो सकते हैं. रेड फ्लैग्स को जरूरत पड़ने पर, कार्रवाई के लिए एनफोर्समेंट एजेंसियों को दिए जा सकते हैं.

उदाहरण के लिए, सुराग और रेड फ्लैग्स भारतीय एजेंसियों - केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI), प्रवर्तन निदेशालय (ED) के साथ शेयर किए जा सकते हैं.

लिस्ट में कौन-कौन है?

लिस्ट में कम से कम 44 भारतीय बैंक शामिल हैं, जिनमें पंजाब नेशनल बैंक, कोटक महिंद्रा, एचडीएफसी बैंक, केनरा बैंक, इंडसइंड बैंक और बैंक ऑफ बड़ौदा शामिल हैं.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट कहती है कि ज्यादातर मामलों में, भारतीय बैंकों की घरेलू ब्रांचों को फंड रिसीव करने या निकालने के लिए इस्तेमाल किया गया है; कुछ मामलों में, भारतीय बैंकों की विदेशी ब्रांचों के बैंक खातों का इस्तेमाल भी इन लेन-देन के लिए किया गया है.

2G घोटाले, अगस्ता वेस्टलैंड स्कैंडल और एयरसेल-मैक्सिस केस से संबंधित लेन-देन भी FicCEN फाइलों में शामिल हैं.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: 
सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें
×
×