उत्तर प्रदेश पुलिस ने Scroll.in की एग्जीक्यूटिव एडिटर सुप्रिया शर्मा के खिलाफ FIR दर्ज की है. ये FIR एक रिपोर्ट में कथित रूप से तथ्यों को गलत तरह से पेश करने को लेकर हुई है. इस रिपोर्ट में सुप्रिया ने पीएम मोदी के गोद लिए वाराणसी के एक गांव में लॉकडाउन के प्रभावों को बताया था.
FIR वाराणसी के डोमरी गांव की निवासी माला की शिकायत पर दर्ज हुई है. माला ने शिकायत में आरोप लगाया कि उनके बयानों को गलत तरह से पेश किया गया है. माला ने कहा कि वो और उनका परिवार लॉकडाउन में भूखे नहीं रहे थे.
Scroll.in के मुताबिक, सुप्रिया शर्मा ने वाराणसी जिले में लॉकडाउन के प्रभाव पर एक सीरीज के दौरान माला का इंटरव्यू लिया था.
इंटरव्यू में माला ने कथित रूप से Scroll.in से कहा कि वो एक घरेलू कामगार हैं और उन्हें लॉकडाउन के दौरान खाने की दिक्कत का सामना करना पड़ा क्योंकि उनके पास राशन कार्ड नहीं है.
हालांकि अपनी शिकायत में माला ने कहा कि वो घरेलू कामगार नहीं हैं, बल्कि उन्होंने 'आउटसोर्सिंग' के जरिए वाराणसी शहर में सैनिटेशन वर्कर के तौर पर काम किया है.
FIR में माला ने कहा, "ये कहकर कि मैं और मेरे बच्चे भूखे रहे, सुप्रिया शर्मा ने मेरी गरीबी और जाति का मजाक बनाया. इसने मुझे मनोवैज्ञानिक रूप से प्रभावित किया और सामाजिक रूप से बदनामी मिली है."
माला ने कहा कि उनके परिवार को लॉकडाउन के दौरान किसी दिक्कत का सामना नहीं करना पड़ा और सैनिटेशन वर्कर के तौर पर काम कर चुकीं उनकी मां को भी पेंशन मिली.
इस मामले में सेक्शन 501 (मानहानिकारक मामला), सेक्शन 269 (लापरवाह हरकत जिससे संक्रामक बीमारी फैलने की संभावना हो) और शेड्यूल्ड कास्ट और शेड्यूल्ड ट्राइब (प्रिवेंशन ऑफ एट्रोसिटीज) एक्ट 1989 के संबंधित सेक्शन के तहत केस दर्ज हुआ है.
पुलिस ने FIR में Scroll.in के एडिटर-इन-चीफ को भी नामित किया है.
'स्वतंत्र पत्रकारिता को चुप कराने और डराने की कोशिश'
Scroll.in ने एक बयान जारी कर कहा कि किसी भी तथ्य को गलत तरह से पेश नहीं किया गया है और वो अपनी रिपोर्ट के साथ खड़े हैं.
Scroll.in ने उत्तर प्रदेश के वाराणसी के डोमरी गांव की माला का इंटरव्यू 5 जून 2020 को किया था. ‘In Varanasi village adopted by Prime Minister Modi, people went hungry during the lockdown’ नाम के आर्टिकल में उनके बयान को सही तरह से रिपोर्ट किया गया है. Scroll.in अपने आर्टिकल के साथ है. ये FIR स्वतंत्र पत्रकारिता को चुप कराने और डराने की कोशिश है.Scroll.in का बयान
इससे पहले वरिष्ठ पत्रकार विनोद दुआ के खिलाफ बीजेपी नेता की शिकायत पर FIR दर्ज हुई थी.
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