पुणे की एक कंपनी मायलैब ने कोरोनावायरस टेस्ट किट बनाने में सफलता मिली है. इसे इंडियन काउंसिल फॉर मेडिकल रिसर्च (ICMR) ने कोरोनावायरस टेस्ट के लिए भारत में बनाई गई पहली टेस्ट किट को मंजूरी दे दी है. कंपनी ने कहा है कि एक सप्ताह में वह 1 लाख किट तैयार करेगी. साथ ही कंपनी ने दावा किया है कि एक किट से 100 मरीजों की जांच की जा सकती है.
मायलैब पैथोडिटेक्ट कोविड-19 क्वालिटेटिव पीसीआर किट को व्यावसायिक तौर पर मंजूरी दी गई है. इस किट को इंडियन एफडीए/केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) ने मंजूरी दी है.
मायलैब एकमात्र भारतीय कंपनी है जिसने ICMR मूल्यांकन में 100 प्रतिशत संवेदनशीलता और विशिष्टता हासिल की है. कंपनी ने स्वदेशी किट को रिकॉर्ड 6 हफ्तों में विकसित किया है.
कंपनी ने कहा मिला सराहनीय सपोर्ट
मायलैब के प्रबंध निदेशक हसमुख रावल ने कहा कि इस आपातकाल समय में IMR, NIV, BIRAC और केंद्र-राज्य सरकारों के मूल्यांकन केंद्रं से मिली सपोर्ट सराहनीय है.
मायलैब वर्तमान में ब्लड बैंकों, HIV, HBV और HCV किट के लिए आईडी-एनएटी स्क्रीनिंग किट बनाती है. मायलैब को उसी सुविधा में COVID-19 किट बनाने के लिए ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) से भी मंजूरी मिली है.
माईलैब में किट बनाने वाली टीम के वैज्ञानिक रंजीत देसाई ने कहा,
“हम 1 से 1.5 लाख टेस्ट किट हर हफ्ते तैयार कर सकते हैं. हम अपनी प्रोडक्शन क्षमता बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं. विदेशों से मंगाई जा रही टेस्ट किट के मुकाबले एक चौथाई कीमत पर ये मिल जाएंगी.”
अब तक जर्मनी से मंगाया जा रहा है टेस्ट किट
अब तक भारत सरकार जर्मनी से लाखों टेस्ट किट मंगा रही है, जिससे कोरोनावायरस के मरीजों का टेस्ट किया जा सके. हालांकि, विदेशी किटों पर निर्भरता परेशान करनेवाली है और ग्राउंडेड एयरलाइनों पर पाबंदी के बाद इसके आयात पर भी परेशानी हो रही थी. लेकिन भारतीय किट को मंजूरी मिलने के बाद संक्रमित मरीजों की जांच की तस्वीर अब बदल सकेगी.
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