मध्य प्रदेश ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपने मंत्रिमंडल में 5 बाबाओं को राज्यमंत्री का दर्जा दिया है. इनमें नर्मदा परिक्रमा करने वाले, तंत्र-मंत्र स्पेशलिस्ट, प्रवचन और भजन करने वाले, हर तरह की खूबियों वाले बाबा शामिल हैं. राज्यमंत्री का दर्जा मिलने के बाद इन बाबाओं को सरकार की तरफ से क्या-क्या सुविधाएं मिलेंगी, ये जानना जरूरी है.
राज्य सरकार के मंत्रियों को कई तरह की सुविधाएं मिलती हैं. अब राज्यमंत्री का दर्जा पाने वाले इन बाबाओं को भी कई सरकारी सुविधाएं मिलेंगी. हर महीने 7500 रुपये फिक्स वेतन मिलेगा. सरकारी की तरफ से गाड़ी मिलेगी, उसमें 1000 किमी तक डीजल का खर्च मिलेगा. 15,000 रुपये मकान का किराया मिलेगा. 3,000 रुपये सत्कार भत्ता के नाम पर मिलेगा.
इसके अलावा ये मंत्री पर्सनल असिस्टेंट और स्टाफ रख सकते हैं, जिसका वेतन सरकार देगी.
राज्य सरकार के तीन अप्रैल को जारी आदेश के मुताबिक, प्रदेश के कई इलाकों में, खासतौर पर नर्मदा किनारे के क्षेत्रों में वृक्षारोपण, जल संरक्षण और स्वच्छता के विषयों पर जन जागरूकता का अभियान निरंतर चलाने के लिए 31 मार्च को विशेष समिति गठित की गई है. इस समिति के पांच विशेष सदस्यों- नर्मदानंद महाराज, हरिहरानंद महाराज, भैय्यूजी महाराज, कम्प्यूटर बाबा और योगेंद्र महंत को राज्यमंत्री स्तर का दर्जा दिया किया गया है.
राज्यमंत्री का दर्जा मिलने के बाद यात्रा रद्द
राज्यमंत्री का दर्जा हासिल करने के बाद कम्प्यूटर बाबा ने कहा, "हम लोगों ने यह यात्रा निरस्त कर दी है, क्योंकि प्रदेश सरकार ने नर्मदा नदी के संरक्षण के लिए साधु-संतों की समिति बनाने की हमारी मांग पूरी कर दी है. अब भला हम यह यात्रा क्यों निकालेंगे."
कांग्रेस ने उठाए सवाल
कांग्रेस ने कम्प्यूटर बाबा और महंत की मंशा पर सवाल उठाए हैं. प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा ने कहा, "इन दोनों को साफ करना चाहिए कि उन्होंने प्रदेश की बीजेपी सरकार के साथ कौन-सी डील के तहत नर्मदा घोटाला रथ यात्रा रद्द कर दी है. क्या इन्होंने राज्यमंत्री का दर्जा हासिल करने के लिये ही इस यात्रा का ऐलान किया था."
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