भारत के पूर्व रक्षा मंत्री जॉर्ज फर्नांडिस का निधन हो गया है. वाजपेयी सरकार के दौरान जॉर्ज फर्नांडिस देश के रक्षामंत्री थे. क्विंट हिंदी से बात करते उनके परिवार के सदस्य ने ये जानकारी दी. जॉर्ज फर्नांडिस ने दिल्ली में अपनी आखिरी सांस ली.
फर्नांडिस लंबे समय से बीमार चल रहे थे, वो अल्जाइमर नाम की बीमारी से परेशान थे और उन्हें स्वाइन फ्लू भी था. आखिरी बार वो अगस्त 2009 से जुलाई 2010 के बीच तक राज्यसभा सांसद रहे थे.
जॉर्ज फर्नांडिस सबसे पहले साल 1967 में लोकसभा सांसद चुने गए थे. उन्होंने अपने राजनीतिक कार्यकल में सरकार में रहते हुए कई बड़े मंत्रालय संभाले. रक्षामंत्री होने के साथ-साथ कम्यूनिकेशन, इंडस्ट्री और रेलवे मंत्रालयों में भी उन्होंने बड़े पद संभाले.
पीएम नरेंद्र मोदी ने फर्नांडिस के निधन पर शोक व्यक्त किया है. पीएम ने ट्वीट कर कहा, 'जॉर्ज साहब ने भारत की बेहतरीन लीडरशिप का प्रतिनिधत्व किया. वह बेबाक और निर्भीक थे. उन्होंने देश के लिए अमूल्य योगदान दिया. वह गरीबों की सबसे मजबूत आवाज थे. उनके निधन से दुखी हूं.'
तीन जून 1930 को कर्नाटक में जन्मे जॉर्ज फर्नांडिस 10 भाषाओं के जानकार थे. वह हिंदी, अंग्रेजी, तमिल, मराठी, कन्नड़, उर्दू, मलयाली, तुलु, कोंकणी और लैटिन भाषा जानते थे. उनकी मां किंग जॉर्ज फिफ्थ की बड़ी प्रशंसक थीं. उन्हीं के नाम पर अपने छह बच्चों में से सबसे बड़े का नाम उन्होंने जॉर्ज रखा था. इमरजेंसी के दौरान गिरफ्तार हुए जॉर्ज फर्नांडिस तिहाड़ जेल में कैदियों को गीता के श्लोक सुनाते थे. 1974 की रेल हड़ताल के बाद वह कद्दावर नेता के तौर पर उभरे और उन्होंने बेबाकी के साथ इमरजेंसी लगाए जाने का विरोध किया.
इमर्जेंसी खत्म होने के बाद फर्नांडिस ने 1977 का लोकसभा चुनाव जेल में रहते हुए ही मुजफ्फरपुर लोकसभा सीट से लड़े और रिकॉर्ड मतों से जीत हासिल की. जनता पार्टी की सरकार में वो उद्योग मंत्री बनाए गए थे. बाद में जनता पार्टी टूटी, फर्नांडिस ने अपनी पार्टी समता पार्टी बनाई और बीजेपी का समर्थन किया.
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