सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस पिनाकी चंद्र घोष देश के पहले लोकपाल हो सकते हैं. रिपोर्ट के मुताबिक, घोष के नाम पर अभी विचार किया जा रहा है.
जस्टिस पिनाकी चंद्र घोष मई, 2017 में सुप्रीम कोर्ट से रिटायर हुए थे. अभी वो नेशनल ह्यूमन राइट्स कमीशन (NHRC) के सदस्य हैं.
रिपोर्ट्स के मुताबिक, लोकपाल सलेक्शन पैनल में उनके नाम पर विचार किया जा रहा है. इस पैनल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन और मुकुल रोहतगी हैं.
सरकार की तरफ से अभी तक इस मामले में नाम की कोई घोषणा नहीं की गई है, लेकिन कहा जा रहा है कि अगले हफ्ते इसकी घोषणा की जा सकती है.
सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे, अरविंद केजरीवाल और किरण बेदी ने साल 2012 में देशभर में लोकपाल की नियुक्ति को लेकर आंदोलन चलाया था, जिसके बाद सरकार ने लोकपाल लाने का वादा किया था. इसके बाद साल 2013 में लोकपाल एक्ट को पास किया गया था.
किरण बेदी ने पहले ही जता दी खुशी
लोकपाल की नियुक्ति को लेकर अभी तक कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है, लेकिन उसके पहले ही पुडुचेरी की गवर्नर किरण बेदी ने ट्विटर पर खुशी जाहिर कर दी है.
किरण बेदी ने ट्वीट किया, 'लोकपाल की घोषणा के बारे में जानकार बहुत खुशी हुई. यह देश की सभी भ्रष्टाचार विरोधी प्रणालियों को मजबूत करेगा और सभी स्तरों पर सतर्कता के काम को बढ़ावा देगा. इस उद्देश्य का नेतृत्व करने और इस पर डटे रहने केलिए मैं अन्ना हजारे जी का धन्यवाद करना चाहूंगी. जय हिन्द'
लोकपाल सेंट्रल विजिलेंस कमीशन (CVC) के साथ काम करेगा. इसमें सीबीआई जैसी जांच एजेंसियों से भ्रष्टाचार निरोधक एक्ट के तहत पब्लिक सर्वेंट पर लगे आरोपों की जांच करने का अधिकार होगा.
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