जेएनयू में हिंसा के विरोध में 6 जनवरी को मुंबई में लोगों ने प्रदर्शन किया, जिसमें से एक लड़की की पोस्टर पकड़े एक फोटो वायरल हो गई. लड़की की इस फोटो पर लिखा था- फ्री कश्मीर. इस पोस्टर पर विवाद बढ़ने के बाद अब उस लड़की ने सफाई दी है. लड़की ने एक वीडियो जारी कर कहा है कि वो कश्मीर में इंटरनेट शटडाउन और संवैधानिक अधिकारों की बात कर रही थीं. फ्री कश्मीर का पोस्टर लेकर खड़ी लड़की का नाम महक मिर्जा प्रभु है, जो मुंबई में राइटर हैं.
महाराष्ट्र के गृहमंत्री शंभुराजे देसाई ने क्विंट हिंदी को बताया था कि इसकी जांच की आदेश दिए गए हैं, अगर लड़की का इरादा गलत होगा, तो उसपर कार्रवाई होगी. बता दें कि मुंबई पुलिस ने लड़की पर FIR दर्ज की है.
‘अगर हम कहते हैं कि वो अपने हैं, तो हमें उन्हें अपने जैसा ट्रीट भी करना चाहिए. उन्हें भी वो अधिकार मिलने चाहिए, जो हमें मिल रहे हैं. उन्हें अपनी बात कहने के की आजादी मिलनी चाहिए, और इसी खयाल से मैंने वो पोस्टर उठाया. वो पोस्टर उठाने के पीछे मेरा बस यही उद्देश्य था. मैं अपने हाथ में एक फूल लेकर खड़ी थी, जिसका मतलब था कि शांति बनाए रखें.’महक मिर्जा प्रभु
महक ने कहा कि इसे बिना वजह बढ़ाया जा रहा है, और उनकी बात का गलत मतलब निकाला जा रहा है. उन्होंने कहा कि वो बस कश्मीर के लोगों के अधिकारों की बात कर रही थीं.
गृहराज्य मंत्री ने दिए जांच के आदेश
महाराष्ट्र के गृहराज्य मंत्री शंभुराजे देसाई ने क्विंट हिंदी से कहा कि बैनर का मुंबई में दिखना गलत है और इसकी जांच के आदेश दिए गए हैं. उन्होंने कहा कि अगर लड़की का इरादा गलता होगा, तो कार्रवाई की जाएगी.
‘कश्मीरियों के पास नहीं हैं अधिकार’
महक ने बताया कि गेटवे ऑफ इंडिया पर कई लोग प्रदर्शन कर रहे थे. वहां कुछ लोग पोस्टर बना रहे थे, उसमें जेएनयू, एनआरसी और सीएए जैसे मुद्दे शामिल थे. उन्होंने कहा, 'वहां एक पोस्टर पड़ा था, जिसपर लिखा था- फ्री कश्मीर. वो पोस्टर देखने के बाद मेरे दिमाग में पहला खयाल यही आया कि हम यहां संवैधानिक अधिकारों की बात करने के लिए हैं. और अभी कश्मीर में पिछले पांच महीने से इंटरनेट बंद के बाद से, उनके पास वो अधिकार नहीं है.'
महक ने कहा कि वो कश्मीर से नहीं हैं, बल्कि महाराष्ट्र से हैं. उनका जन्म भी मुंबई में हुआ है.
देवेंद्र फडणवीस ने उठाए थे सवाल
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस पोस्टर पर सवाल खड़े किए थे. उन्होंने अपने ट्वीट में सीएम उद्धव ठाकरे से सवाल पूछते हुए कहा था, 'ये पोस्टर है किसलिए? 'फ्री कश्मीर' के नारे क्यों? मुंबई में हम ऐसे अलगाववादी तत्वों को कैसे बर्दाश्त कर सकते हैं? सीएमओ से 2 किलोमीटर की दूरी पर आजादी गैंग द्वारा 'फ्री कश्मीर' के नारे? उद्धव जी, क्या आप अपनी नाक के नीचे इस 'फ्री कश्मीर' भारत विरोधी अभियान को बर्दाश्त करने जा रहे हैं?'
इसके बाद सोशल मीडिया पर कई लोगों ने इस पोस्टर की आलोचना की थी. महाराष्ट्र सरकार में मंत्री आदित्य ठाकरे ने भी प्रदर्शन के दौरान दिखे 'फ्री कश्मीर' के पोस्टर की निंदा की थी. उन्हों ने कहा कि अगर कश्मीर को भारत से आजाद करने की बात है, तो ये गलत है.
‘हमें उनके इरादे को देखना चाहिए, क्या वो इंटरनेट बैन को हटाने की बात कह रही थीं, अगर कश्मीर को भारत से आजाद करने की बात है, तो ये गलत है. जाहिर है कि सभी इसकी निंदा करेंगे, प्रदर्शन कर रहे दूसरे लोगों ने भी इसका समर्थन नहीं किया.’आदित्य ठाकरे, शिवसेना नेता
शिवसेना नेता संजय राउत ने भी इस पूरे विवाद पर रिएक्ट करते हुए कहा, 'मैंने अखबार में पढ़ा है कि जिसने ‘फ्री कश्मीर’ का बैनर उठाया था, उन्होंने साफ किया कि वे इंटरनेट सेवाओं, मोबाइल सेवाओं और बाकी मुद्दों पर पाबंदियों से आजादी चाहते हैं. अगर कोई भारत से कश्मीर की आजादी की बात करता है तो ये बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.'
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