दिल्ली की जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी में हुई मारपीट के मामले में अब दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने जांच शुरू कर दी है. क्राइम ब्रांच अब हर एंगल से केस को सुलझाने में जुट गई है. पुलिस ने जांच शुरू होने से पहले कहा था कि सीसीटीवी कैमरों की मदद से इस केस सुलझाने की कोशिश की जाएगी. लेकिन सर्वर डैमेज होने के चलते पुलिस के हाथ कुछ नहीं लगा है.
न्यूज एजेंसी एएनआई ने पुलिस सूत्रों के हवाले से बताया, दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने शुरुआती जांच के दौरान सीसीटीवी कैमरे खंगालने की कोशिश की, लेकिन सर्वर डैमेज था. पुलिस का दावा है कि 3 जनवरी को सर्वर पर हमला हुआ था, जिसके बाद उसने काम करना बंद कर दिया. इसीलिए पुलिस को सीसीटीवी कैमरे से कुछ भी नहीं मिला है. पुलिस का कहना है कि इस मामले में भी एक एफआईआर दर्ज की गई है.
सभी फोन नंबर बंद
पुलिस को सीसीटीवी कैमरों से कुछ नहीं मिला तो उन वॉट्सऐप ग्रुप्स को खंगाला गया जिनमें एकजुट होकर हमला करने की तैयारी की गई थी. ऐसे कई ग्रुप के स्क्रीनशॉट सोशल मीडिया पर शेयर किए जा रहे थे. पुलिस ने जब इन स्क्रीनशॉट्स को इकट्ठा कर इनमें दिख रहे नंबरों पर कॉल किया तो किसी भी नंबर की घंटी नहीं बजी. इन सभी नंबरों को स्विच ऑफ किया जा चुका है. लेकिन अब पुलिस इन नंबरों की उस वक्त की लोकेशन पता लगा रही है जब जेएनयू में हिंसा हुई थी.
कांग्रेस की तरफ से भी जेएनयू हिंसा को लेकर बनाए गए वॉट्सऐप ग्रुप्स का लिंक एबीवीपी और जेएनयू प्रशासन से जोड़ा गया है. कांग्रेस ने दावा किया है कि "जेएनयू के लिए बनाए गए वॉट्सऐप ग्रुप में 8 एबीवीपी के पदाधिकारी, जेएनयू के चीफ प्रॉक्टर, दिल्ली यूनिवर्सिटी के एक प्रोफेसर और दो पीएचडी स्कॉलर्स थे. इस भयावह घटना में जेएनयू प्रशासन, बीजेपी सरकार और दिल्ली पुलिस सभी शामिल हैं."
पुलिस पर लग रहे आरोप
बता दें कि जेएनयू कैंपस में हुई हिंसा को लेकर दिल्ली पुलिस भी सवालों के घेरे में हैं. इसी का जवाब देते हुए दिल्ली पुलिस के PRO एमएस रंधावा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि पुलिस ने JNU के अंदर जाने में कोई देर नहीं की है, उन्हें जब PCR पर कॉल मिली वो तब ही कैंपस में गए. रंधावा ने कहा, "पुलिस सामान्य तौर पर JNU के एडमिन ब्लॉक के करीब होती है. हिंसा वहां से दूर हुई थी. शाम 7:45 के करीब JNU प्रशासन ने हमें अंदर आने को कहा था."
वहीं दिल्ली पुलिस ने जेएनयू छात्र संघ की अध्यक्ष आइशी घोष और 19 अन्य के खिलाफ 4 जनवरी को सर्वर रूम में कथित तोड़फोड़ और सिक्योरिटी गार्ड पर हमले के मामले में FIR दर्ज की है.
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