ADVERTISEMENTREMOVE AD

G20 Summit: भारत की मेजबानी और शीर्ष नेताओं के जुटान पर क्या बोली विदेशी मीडिया?

न्यूयॉर्क टाइम्स ने लिखा कि G20 में यूक्रेन-रूस वॉर और रूसी-चीनी नेताओं की अनुपस्थिति का मुद्दा हावी हो गया.

Published
भारत
4 min read
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा
Hindi Female

G20 समिट (G20 Summit) को लेकर दुनिया के 20 प्रमुख अर्थव्यवस्था के दिग्गज नेता एक साथ दिल्ली में हैं. यह शिखर सम्मेलन दो दिन 9 और 10 सितंबर तक चलेगी. इसमें शामिल होने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक, अर्जेंटीना के राष्ट्रपति समेत अन्य राष्ट्रों के अध्यक्ष भारत पहुंचे हैं. भारत G20 की मेजबानी कर रहा है, ऐसे में सारी दुनिया की नजर उसपर बनी हुई है. आइए जानते हैं कि G20 को लेकर दुनिया के दूसरे देशों के मीडिया ने क्या खबर छापी है?

ADVERTISEMENTREMOVE AD

द न्यूयॉर्क टाइम्स में यूक्रेन रूस युद्ध का जिक्र

'द न्यूयॉर्क टाइम्स' ने G20 सम्मेलन को लेकर 'ओपेन्स अंडर लॉन्ग शैडो ऑफ यूक्रेन वार' नाम से न्यूज पब्लिश की है. न्यूज वेबसाइट ने लिखा "दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के नेता गरीब देशों पर बोझ कम करने के तरीकों पर चर्चा करने के लिए शनिवार को एक जगह जमा हुए और G20 शिखर सम्मेलन की शुरुआत की. भारत को उम्मीद है कि वैश्विक आर्थिक एजेंडे को आगे बढ़ाया जाएगा, भले ही इस सम्मेलन में यूक्रेन-रूस वॉर और रूसी-चीनी नेताओं की अनुपस्थिति का मुद्दा हावी हो गया.

न्यूयॉर्क टाइम्स ने लिखा कि G20 में यूक्रेन-रूस वॉर और रूसी-चीनी नेताओं की अनुपस्थिति का मुद्दा हावी हो गया.

अलजजीरा ने भारत में हो रहे G20 की खबर को पहले पेज पर जगह दी है. अलजजीरा ने G20 सम्मेलन को 'डिप्लोमेटिक वर्ल्ड कप' करार दिया, जिसके कारण भारत सुर्खियों में है. वेबसाइट ने लिखा "यह 40 साल में भारत द्वारा आयोजित किया गया सबसे बड़ा कूटनीतिक समारोह है. मोदी सरकार लगातार सुर्खियों में बनी हुई है. इससे पहले, 1983 में नई दिल्ली में गुटनिरपेक्ष आंदोलन और कॉमनवेल्थ का आयोजन हुआ था.

न्यूयॉर्क टाइम्स ने लिखा कि G20 में यूक्रेन-रूस वॉर और रूसी-चीनी नेताओं की अनुपस्थिति का मुद्दा हावी हो गया.
0

पाकिस्तान के अखबार ने क्या लिखा?

पाकिस्तानी अखबार 'डॉन' ने G20 सम्मेलन के बहाने 'भारत और INDIA' के विवाद पर फोकस किया. डॉन ने लिखा "शनिवार को G20 शिखर सम्मेलन के उद्घाटन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्लेकार्ड में 'भारत' लिखा दिखा. जिससे इसके नाम बदलने की चर्चा और तेज हो गई.

डॉन ने लिखा "जैसे ही पीएम मोदी ने शनिवार को नई दिल्ली में शिखर सम्मेलन की शुरुआत की घोषणा की, वह एक टेबल पर लिखे नेमप्लेट के पीछे बैठे थे, जिस पर 'भारत' लिखा था. जबकि G20 के लोगो पर हिंदी में 'भारत' और अंग्रेजी में 'इंडिया' दोनों नाम थे.

न्यूयॉर्क टाइम्स ने लिखा कि G20 में यूक्रेन-रूस वॉर और रूसी-चीनी नेताओं की अनुपस्थिति का मुद्दा हावी हो गया.

चीन की न्यूज वेबसाइट 'ग्लोबल टाइम्स चाइना' ने अपने संपादकीय में G20 शिखर सम्मेलन में पश्चिमी देशों के रवैये पर सवाल उठाए हैं. वेबसाइट ने लिखा 'हू इज द स्पॉयलर ऑफ द G20 समिट इन द न्यू दिल्ली?' वेबसाइट ने लिखा "यह पहली बार है कि जब भारत इतने बड़े पैमाने पर डिप्लोमेटिक समिट आयोजित करेगा. तैयारियों को देखते हुए ऐसा लगता है कि नई दिल्ली ने इस आयोजन को बहुत महत्व दिया है, जिससे उसके 'ग्रेट पावर' का स्टेट्स इस आयोजन से और बढ़े. भारत ने जिन मुद्दों पर फोकस किया है, उससे इतर पश्चिम सबसे अधिक रूस-यूक्रेन वॉर पर ध्यान दे रहा है.

न्यूयॉर्क टाइम्स ने लिखा कि G20 में यूक्रेन-रूस वॉर और रूसी-चीनी नेताओं की अनुपस्थिति का मुद्दा हावी हो गया.
ADVERTISEMENTREMOVE AD

वहीं, चाइना डेली ने लिखा "G20 में अफ्रीकी संघ (AU) को स्थायी सदस्यता देने की सहमती पर फोकस किया गया है. वेबसाइट ने लिखा "G20 के सदस्यों ने अफ्रीकी संघ को स्थायी सदस्यता देने पर शनिवार को सहमति दी." वेबसाइट ने दावा किया कि चीन पहला देश है, जिसने G20 में एयू की सदस्यता के लिए स्पष्ट रूप से सपोर्ट किया था.

न्यूयॉर्क टाइम्स ने लिखा कि G20 में यूक्रेन-रूस वॉर और रूसी-चीनी नेताओं की अनुपस्थिति का मुद्दा हावी हो गया.
ADVERTISEMENTREMOVE AD
न्यूयॉर्क टाइम्स ने लिखा कि G20 में यूक्रेन-रूस वॉर और रूसी-चीनी नेताओं की अनुपस्थिति का मुद्दा हावी हो गया.

ब्रिटिश अखबार 'द गार्जियन' ने G20 सम्मेलन से पहले पीएम मोदी और जो बाइडेन की द्विपक्षीय मुलाकात की खबर पब्लिश की है. गार्जियन ने लिखा कि G20 शिखर सम्मेलन से पहले बातचीत में बाइडेन ने भारत के मोदी को लुभाने की कोशिश नए सिरे से शुरू की. दिल्ली में हुई इस बैठक से मीडिया को दूर रखने पर वेबसाइट ने प्रेस फ्रीडम पर भी सवाल उठाया.

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें
×
×