भारत में कोरोना की दूसरी लहर के बीच ऑक्सीजन की भयानक कमी हुई, सैकड़ों लोगों ने इसकी वजह से जान गंवाई. इसके बाद केंद्र सरकार ने 50 हजार मीट्रिक टन ऑक्सीजन की सप्लाई के लिए ग्लोबल टेंजर जारी किया था. लेकिन अब तक सरकार के पास सिर्फ 3500 मीट्रिक टन की लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन सप्लाई के लिए ही कंपनियों ने इच्छा जताई है.
इंडियन एक्सप्रेस ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि दो विदेशी कंपनियों और एक भारतीय कंपनी ने ऑक्सीजन सप्लाई करने के लिए सरकार को ऑक्सीजन सप्लाई करने के लिए रुचि दिखाई है. सरकार को उम्मीद थी कि ऑक्सीजन की डिलेवरी करीब तीन हफ्ते में हो जाएगी लेकिन कंपनियों का साफ कहना है कि वो करीब 3 महीने में ही डिलेवरी दे सकेंगी.
सिर्फ 3500 मीट्रिक टन ऑक्सीजन सप्लाई
जिन दो विदेशी कंपनियों ने ऑक्सीजन सप्लाई करने में रुचि दिखाई है उनमें सिंगापुर की SSB Cryogenic Equipment Pte Ltd है जो 200 मीट्रिक टन ऑक्सीजन सप्लाई करेगी और आबुधाबी की M/s Gulf Industrial Gases ने 1800 मीट्रिक टन ऑक्सीजन सप्लाई करने की इच्छा जताई है. वहीं तीसरी गुजरात की एक कंपनी अल्ट्रा प्योर गैस ने 1500 मीट्रिक टन ऑक्सीजन सप्लाई करने की इच्छा जताई है.
इस तरह से भारत को कुल 3500 मीट्रिक टन ऑक्सीजन ऑफर की गई है.
चंद हफ्तों में ऑक्सीजन सप्लाई की थी मांग
सरकार ने 16 अप्रैल को लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन को इंपोर्ट करने के लिए ग्लोबल टेंडर जारी किया था. सरकार ने कहा था कि उसे कुछ हफ्तों में ही सप्लाई की जरूरत है. केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कहा था कि- हमने 50000 मीट्रिक टन मेडिकल ऑक्सीजन इंपोर्ट करने का ऑर्डर दिया है. कुछ कंपनियों ने सप्लाई करने की इच्छा जताई है. अभी इसकी जांच चल रही है और इस पर जल्दी ही फैसला लिया जाएगा.
इंडियन एक्सप्रेस ने सूत्रों के हवाले से बताया कि विदेश मंत्रालय और इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन ने मिडिल ईस्ट की कई कंपनियों से ऑक्सीजन सप्लाई करने का निवेदन किया लेकिन किसी ने इच्छा नहीं जताई है.
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