एंड्रॉइड मोबाइलों में UIDAI नंबर सेव होने को लेकर मचे बवाल के बीच एंड्रॉइड ऑपरेटिंग सिस्टम की पैरंट कंपनी गूगल के स्पष्टीकरण से पूरे मामले से पर्दा उठ गया है. इससे पहले सोशल मीडिया पर खबर वायरल हुई थी कि एंड्रॉइड मोबाइल फोन में बिना यूजर की मर्जी के UIDAI नंबर सेव हो गया है. नंबर अपने आप फोन में कैसे आया, इसे लेकर तमाम तरह की चर्चाएं छिड़ी हुईं थीं.
इस बीच UIDAI ने भी स्पष्ट कर दिया था कि इस मामले से उसका कोई लेना-देना नहीं है और उसने इस बारे में टेलिकॉम ऑपरेटरों को कोई दिशा-निर्देश नहीं दिया है.
गूगल के स्पष्टीकरण से खुला राज
UIDAI ने सोशल मीडिया पर फैल रही अफवाहों पर सफाई दी. UIDAI ने कहा कि उसने किसी भी टेलिकॉम कंपनी को सिम में हेल्पलाइन नंबर सेव करने के निर्देश नहीं दिए हैं. इस सफाई के बाद भी जब मुद्दा नहीं सुलझा तो देर रात एंड्रॉइड की पैरंट कंपनी गूगल ने स्पष्टीकरण दिया, जिससे पूरे मामले से पर्दा उठ गया.
गूगल ने बताया कि UIDAI के पुराने हेल्पलाइन नंबर 1800-300-1947 को एंड्रॉइड सिस्टम में साल 2014 में कोड किया गया था. लेकिन ये बात और है कि कई यूजर्स ने इसे अपने फोन पर अब देखा. गूगल के बयान के मुताबिक, ‘हमारे इंटरनल रिव्यू में यह बात सामने आई है कि साल 2014 में UIDAI हेल्पलाइन और आपदा हेल्पलाइन नंबर 112 अनजाने में एंड्रॉइड सिस्टम सेटअप विजर्ड में कोड कर दिया गया था. ये तभी भारत के फोन निर्माता कंपनियों को दे दिया गया था. तब से ही यह दोनों नंबर मोबाइल फोन यूजर्स की कॉन्टेक्ट लिस्ट में हैं.’
मोबाइल फोन का डेटा गूगल के साथ सिंक होने की वजह से मोबाइल बदलने के बावजूद उसमें सेव किए गए नंबर गूगल के जरिए नई डिवाइस में ट्रांसफर हो जाते हैं. इसी तरह ये दोनों नंबर भी नए फोनों में आ जा रहे थे.
गूगल के प्रवक्ता ने कहा, ‘हम इसको लेकर लोगों की चिताएं समझते हैं लेकिन आश्वस्त करना चाहते हैं कि यह एंड्रॉयड फोन के अनअथॉराइज्ड ऐक्सेस का मामला नहीं है. यूजर मैनुअली भी इन नंबरों को डिलीट कर सकते हैं.’
कंपनी ने अपने बयान में कहा है कि सेटअप विजर्ड की अगली रिलीज में इस खामी को फिक्स कर दिया जाएगा.
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