असम के मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने 19 अगस्त को संकेत दिया कि नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन्स (NRC) के आखिरी प्रकाशन के बाद अगर इसमें कमियां रहती हैं तो उनसे निपटने के लिए सरकार विधायी विकल्पों पर विचार कर सकती है. सोनोवाल ने कहा कि असम सरकार सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के मुताबिक, 31 अगस्त को NRC का प्रकाशन शांतिपूर्ण ढंग से किए जाने को सुनिश्चित करेगी.
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात के बाद एक सवाल के जवाब में सोनोवाल ने कहा, “लोकतंत्र में हर किसी को सवाल पूछने का अधिकार है. NRC के प्रकाशन के बाद, अगर भविष्य में जरूरत पड़ी तो जो भी जरूरी होगा हम वो कदम उठाएंगे.”
दरअसल सोनोवाल से पत्रकारों ने पूछा था कि क्या सरकार आखिरी NRC में गलत तरीके से शामिल हो गए नामों से निपटने के लिए विधायी विकल्पों पर विचार करेगी?
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने पिछले महीने केंद्र और असम सरकार की उन याचिकाओं को खारिज कर दिया था जिसमें गलत तरीके से नामों के शामिल होने की जांच के लिए नमूना पुनर्सत्यापन का अनुरोध किया गया था.
सोनोवाल ने कहा कि 2018 में जब मसौदे का हिस्सा और आखिरी मसौदा प्रकाशित हुआ था तो असम में कानून-व्यवस्था की स्थिति को लेकर आशंकाएं थीं, लेकिन असम के लोगों के सहयोग से सब कुछ शांतिपूर्ण तरीके से हो गया. सोनोवाल ने कहा कि इस बार भी केंद्र सरकार के सक्रिय सहयोग से और लोगों की उम्मीदों के मुताबिक एनआरसी 31 अगस्त को प्रकाशित किया जाएगा.
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