बहुचर्चित घटनाक्रम के दौरान पाकिस्तान से 2015 में भारत लौटने वाली गीता के लिये योग्य वर की तलाश के तहत सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक पर विज्ञापन पोस्ट किया गया है. इसके बाद तीन युवकों ने इस मूक-बधिर युवती से विवाह की इच्छा जताई है.
मूक-बधिर समुदाय के अधिकारों के लिये काम करने वाले सामाजिक कार्यकर्ता ज्ञानेंद्र पुरोहित ने बताया,
मेरी आठ अप्रैल को दिल्ली में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से मुलाकात हुई थी. उन्होंने मुझे गीता के परिवार का पता लगाने को जारी अभियान के साथ इसयुवती के लिये योग्य वर की तलाश में मदद के लिये भी कहा था.
उन्होंने बताया कि विदेश मंत्री के मौखिक निर्देशों के बाद उन्होंने गीता के लिये योग्य वर की तलाश के मकसद से फेसबुक पर विज्ञापन पोस्ट किया है. यह विज्ञापन "रीयूनाइट गीता, ए डेफ गर्ल, विद फैमिली" नाम के पुराने फेसबुक पेज पर पोस्ट किया गया है.
पुरोहित ने यह पेज युवती के परिवार की खोज के लिये गैर सरकारी स्तर पर पिछले साल बनाया था. इस पेज पर 10 अप्रैल को पोस्ट ऑनलाइन वैवाहिक इश्तेहार में गीता को "भारत की बेटी" के रूप में संबोधित किया गया है. इसमें कहा गया है कि इस युवती के लिये 25 साल से ज्यादा उम्र के मूक-बधिर वर की जरूरत है जो योग्य और स्मार्ट हो. इश्तेहार में स्पष्ट किया गया है कि गीता अपने लिये स्वेच्छा से वर चुनेगी. इसके बाद भारत सरकार इस सिलसिले में उचित कदम उठाएगी
इंदौर निवासी सामाजिक कार्यकर्ता ने बताया,
ऑनलाइनविज्ञापन के आधार पर पिछले तीन दिन में मध्यप्रदेश, गुजरात और दिल्ली के तीन युवकों ने गीता से शादी कीइच्छा जताई है. इनकी उम्र 27 से 30 वर्ष के बीच है. मैंने विदेश मंत्री के कार्यालय कोइन उम्मीदवारों की जानकारी भेज दी है.
कइयों ने किया था गीता के मां-बाप होने का दावा
गीता मध्यप्रदेश सरकार के सामाजिक न्याय और नि:शक्त कल्याण विभाग की देख-रेख में इंदौर की गैर सरकारी संस्था "मूक-बधिर संगठन" के गुमाश्ता नगर स्थित आवासीय परिसर में रह रही है. सरकार उसके माता-पिता की खोज में जुटी है.
पिछले ढाई साल के दौरान देश के अलग-अलग इलाकों के 10 से ज्यादा परिवार गीता को अपनी लापता बेटी बता चुके हैं. लेकिन सरकार की जांच में इनमें से किसी भी परिवार का इस मूक-बधिर युवती पर वल्दियत का दावा फिलहाल साबित नहीं हो सका है. गीता सात-आठ साल की उम्र में पाकिस्तानी रेंजर्स को समझौता एक्सप्रेस में लाहौर रेलवे स्टेशन पर मिली थी. गलती से सरहद पार पहुंचने वाली मूक-बधिर लड़की गीता को भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के विशेष प्रयासों के कारण 26 अक्तूबर 2015 को स्वदेश लाया गया.
इसके अगले ही दिन उसे इंदौर में मूक-बधिरों के लिए चलायी जा रही गैर सरकारी संस्था के आवासीय परिसर भेज दिया गया था। तब से वह इसी परिसर में रह रही है.
इनपुट - भाषा
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