ADVERTISEMENTREMOVE AD

पूर्व IPS अफसर डीजी वंजारा को पोस्ट-रिटायरमेंट मिला प्रमोशन

गुजरात के पूर्व DIG डीजी वंजारा को राज्य सरकार ने रिटायरमेंट के छह साल बाद प्रमोशन देते हुए आईजी बना दिया है.

Published
भारत
2 min read
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा
Hindi Female

गुजरात के पूर्व DIG डीजी वंजारा को राज्य सरकार ने रिटायरमेंट के छह साल बाद प्रमोशन देते हुए आईजी बना दिया है. वंजारा पर इशरत जहां और सोहराबुद्दीन शेख के कथित फेक एनकाउंटर मामलों में शामिल होने के आरोप लगे थे. वंजारा इन दोनों ही मामलों में बरी हो गए थे.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

गुजरात के गृह विभाग के नोटिफिकेशन के मुताबिक, वंजारा को इंस्पेक्टर जनरल पद पर प्रमोट किया गया है और ये 29 सितंबर 2007 से प्रभावी है. वंजारा ने इस नोटिफिकेशन की कॉपी 25 फरवरी को ट्वीट भी की थी.

एंटी-नेशनल ताकतों के तैयार किए गए एनकाउंटर मामलों में न्याय पालिका से क्लीन चिट मिलने के बाद, मुझे आईजी के पद पर पोस्ट-रिटायरमेंट प्रमोशन दिया गया है. मैं भारत और गुजरात की सरकार का आभारी हूं.   
डीजी वंजारा का ट्वीट

वंजारा के प्रमोशन की खबर को गृह विभाग के एडिशनल सेक्रेटरी निखिल भट्ट ने 26 फरवरी को सही ठहराया है. डीजी वंजारा 1987 बैच के आईपीएस अफसर हैं और वो 31 मई 2014 को DIG के पद से रिटायर हो गए थे.

फेक एनकाउंटर केस में हुए थे सस्पेंड

वंजारा को मई 2007 में राज्य सरकार ने सस्पेंड कर दिया था. उनके सस्पेंशन की वजह सोहराबुद्दीन शेख के कथित फेक एनकाउंटर केस में उनकी गिरफ्तारी थी. इसके बाद वंजारा को इशरत जहां कथित फेक एनकाउंटर केस में भी आरोपी बनाया गया था. इन कथित एनकाउंटर मामलों के समय वंजारा गुजरात ATS के प्रमुख थे.

राज्य की CID ने मार्च 2007 में वंजारा को गिरफ्तार किया था. वो करीब सात साल जेल में रहे थे. गिरफ्तारी के समय वंजारा बॉर्डर रेंज के DIG के पद पर थे. सोहराबुद्दीन केस को सितंबर 2012 में मुंबई ट्रांसफर कर दिया गया था. 

2017 के अगस्त में स्पेशल सीबीआई कोर्ट ने डीजी वंजारा को सोहराबुद्दीन शेख केस में बरी किया था. पिछले साल मई में वंजारा इशरत जहां केस में भी बरी हो गए.

वंजारा ने 1980 में डिप्टी एसपी के पद पर पुलिस सेवा ज्वॉइन की थी. 1987 में उन्हें आईपीएस में प्रमोट किया गया था. वो अहमदाबाद क्राइम ब्रांच के डिप्टी कमिश्नर भी रह चुके हैं. वंजारा एंटी टेररिज्म स्क्वाड के DIG भी रहे हैं.

0

क्या हैं एनकाउंटर केस?

सोहराबुद्दीन शेख कथित फेक एनकाउंटर में नवंबर 2005 में गांधीनगर के करीब मारा गया था. इसके बाद उसकी पत्नी भी गायब हो गई थी. सीबीआई के मुताबिक, उसकी भी हत्या हो गई थी.

सीबीआई ने दावा किया था कि शेख के साथी और कथित एनकाउंटर के चश्मदीद तुलसीराम प्रजापति को भी पुलिस ने दिसंबर 2006 में मार दिया था.  

वहीं, इशरत जहां 15 जून 2004 को कथित फेक एनकाउंटर में गुजरात पुलिस के हाथों मारी गई थी. इशरत के साथ जावेद शेख उर्फ प्रणेश पिल्लई, अमजद अली अकबर अली राणा और जीशान जौहर भी मारे गए थे. पुलिस ने दावा किया था कि इन सब लोगों के आतंकियों से संबंध थे.

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें
×
×