Gyanvapi Masjid Issue: सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार, 21 अप्रैल को सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता द्वारा दिए गए आश्वासन को दर्ज किया कि वाराणसी जिला प्रशासन ज्ञानवापी मस्जिद में 'वुजू' करने वाले लोगों को पर्याप्त पानी की सुविधा प्रदान करेगा.
सुनवाई के दौरान कोर्ट में क्या हुआ?
CJI डी. वाई. चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति पीएस नरसिम्हा की पीठ ने कहा, "हम सॉलिसिटर जनरल के बयान को रिकॉर्ड करते हैं कि वुजू को सुविधाजनक बनाने के लिए, जिला मजिस्ट्रेट यह सुनिश्चित करेंगे कि पर्याप्त संख्या में टब और पानी की सुविधाएं पास में उपलब्ध कराई जाए ताकि. नमाज अदा करने आने वाले श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो."
सुनवाई के दौरान तुषार मेहता ने कहा कि शौचालय उस जगह से 70 मीटर की दूरी पर हैं, लेकिन वह मस्जिद के परिसर के अंदर इन सुविधाओं की मांग कर रहे हैं. अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद की प्रबंधन समिति की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता हुजेफा अहमदी ने कहा कि विवादित क्षेत्र का उपयोग मुस्लिम नमाजी वर्षों से वुजू के उद्देश्य से कर रहे हैं. उन्होंने जोर देकर कहा कि ईद से ठीक पहले यह आखिरी शुक्रवार है.
पीठ ने मेहता से सवाल किया कि शुक्रवार और शनिवार के लिए कोई इंतजाम क्यों नहीं किया जा सकता? मेहता ने जवाब दिया कि यह संभव नहीं है क्योंकि बाथरूम में प्रवेश विवादित क्षेत्र के माध्यम से होता है जहां कथित शिव लिंग या उनके अनुसार, फव्वारा स्थित है और जोर देकर कहा कि शौचालय सिर्फ 70 मीटर की दूरी पर हैं.
अहमदी ने सवाल किया कि मुस्लिम नमाजियों को वुजू करने के उद्देश्य से परिसर से बाहर जाने के लिए क्यों मजबूर किया जाना चाहिए? मेहता ने जवाब दिया कि यह वुजू नहीं है, बल्कि वह शौचालय की सुविधा के बारे में बात कर रहे थे और आश्वासन दिया कि मुस्लिम नमाजियों को वुजू करने के लिए पानी उपलब्ध कराया जाएगा.
'वुजू के लिए पर्याप्त पानी मिलना चाहिए'
पीठ ने जोर देकर कहा कि वुजू को सुविधाजनक बनाने के लिए लंबे टब प्रदान किए जाने चाहिए. तुषार मेहता ने जोर देकर कहा कि अधिकारी यह सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त पानी उपलब्ध कराएंगे कि हर कोई वुजू कर सके.
क्या है ज्ञानवापी मस्जिद मामला?
पिछले साल नवंबर में, सुप्रीम कोर्ट ने अगले आदेश तक ज्ञानवापी मस्जिद के अंदर के क्षेत्र की सुरक्षा बढ़ा दी थी, जहां शिव लिंग पाया गया था. शीर्ष अदालत ने कहा था कि मई 2022 में पारित अंतरिम आदेश अगले आदेश तक लागू रहेगा.
कमेटी ऑफ मैनेजमेंट अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद वाराणसी ने अपनी याचिका में मस्जिद के वुजू क्षेत्र का विरोध किया, जहां उक्त वस्तु मिली है, जिसे उन्होंने पुराने फव्वारे का हिस्सा बताया.
याचिका में आगे कहा गया है कि इसे जिला अधिकारियों द्वारा सील कर दिया गया और आज तक सील ही है, और इसके साथ-साथ वॉशरूम भी सील कर दिया गया है।
याचिका में दलील दी गई है कि इससे नमाजियों के लिए असुविधा पैदा हुई है, जहां वह नमाज अदा करने के साथ-साथ वुजुखाना से वंचित हैं।
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