कोरोना महामारी के बीच 29 जनवरी से बजट सत्र शुरू होने जा रहा है. जिसे लेकर हमेशा की तरह वित्त मंत्रालय में हलवा सेरेमनी आयोजित हुई. खुद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने हलवा बांटकर हलवा सेरेमनी के कार्यक्रम का शुभारंभ किया. जिसके बाद वित्त मंत्री 1 फरवरी को बजट पेश करेंगीं.
कोरोना के चलते पेपरलेस बजट
हर साल बजट पेश होने से कुछ दिन पहले हलवा सेरेमनी होती है, जिसके बाद बजट पेपर की छपाई शुरू होती है. हालांकि इस बार बताया गया है कि कोरोना महामारी के चलते पूरा बजट पेपरलेस होगा. तो हलवा सेरेमनी के बाद बजट की डिजिटल प्रक्रिया शुरू हो जाएगी.
हलवा सेरेमनी के बाद बजट का काम शुरू
अब पहले आपको बताते हैं कि हलवा सेरेमनी के बाद क्या-क्या चीजें होती हैं. इस दिन के बाद अब वित्त मंत्रालय के चुनिंदा अधिकारी बजट बनाने में जुट जाते हैं. जिन कंप्यूटरों पर ये बजट टाइप होता है, वो पूरी तरह से सुरक्षित होते हैं और इनसे किसी भी दूसरे कंप्यूटर में डेटा ट्रांसफर नहीं किया जा सकता.
साथ ही जो लोग इस पूरी प्रक्रिया का हिस्सा होते हैं, उन्हें बजट पेश होने तक घर जाने की इजाजत नहीं होती. करीब एक से दो हफ्तों तक ये सभी लोग वित्त मंत्रालय की ही निगरानी में होते हैं.
क्या होती है हलवा सेरेमनी
अब हर साल बजट से पहले होने वाली हलवा सेरेमनी की बात करते हैं. दरअसल भारत में हर शुभ काम से पहले मीठा खाने की परंपरा काफी मशहूर रही है. हलवा सेरेमनी भी इसी का एक हिस्सा है. एक बड़ी कढ़ाई में स्पेशल हलवा तैयार किया जाता है, जिसे खुद वित्त मंत्री अपने हाथों से तमाम मंत्रियों और अधिकारियों को बांटती हैं. इस कार्यक्रम के ठीक बाद से ही बजट छपने का काम शुरू हो जाता है.
बता दें कि बजट छापने का काम वित्त मंत्रालय के ही बेसमेंट में होता है. यहां सिर्फ उन्हीं लोगों को आने की इजाजत होती है, जो बजट प्रिंटिंग से जुड़े काम में शामिल हों. इसकी सुरक्षा में दिन-रात जवान तैनात होते हैं.
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