सुप्रीम कोर्ट(Supreme court) ने मंगलवार 17 मई को जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी उर्फ वसीम रिजवी(Wasim Rizvi) को तीन महीने की जमानत दे दी है. वसीम रिजवी को दिसंबर 2021 में हरिद्वार धर्म संसद में हेट स्पीट मामले के सिलसिले में गिरफ्तार किया था. यह जमानत उन्हें चिकित्सा आधार पर मिली है.
लाइव लॉ की एक रिपोर्ट के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट ने त्यागी को किसी भी तरह के अभ्रद भाषा में लिप्त होने और इलेक्ट्रॉनिक, डिजिटल या सोशल मीडिया पर कोई भी बयान देने से प्रतिबंधित कर दिया है
न्यायमूर्ति अजय रस्तोगी और न्यायमूर्ति विक्रम नाथ की पीठ द्वारा जारी निर्देश त्यागी की विशेष अनुमति याचिका पर सुनवाई करते हुए आया, जिसमें उत्तराखंड हाईकोर्ट के एक पूर्व के आदेश को खारिज कर दिया गया था, जिसमें उन्हें जमानत नहीं दी गई थी
राज्य के वकील ने बताया, उन्हें भद्र भाषा का बयान नहीं देना चाहिए और यदि वह करते हैं, तो हम उन्हें गिरफ्तार करेंगे. जमानत अपने आप रद्द हो जाएगी और हम उसे आपराधिक प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 41 बी (गिरफ्तारी की प्रक्रिया और गिरफ्तारी करने वाले अधिकारी की ड्यूटी) के तहत गिरफ्तार करेंगे, जहां तक उनकी चिकित्सा स्थिति का संबंध है, यह स्थिर है. उन्हें कुछ हृदय संबंधी समस्याएं हैं
दिसंंबर में हुई थी गिरफ्तारी
त्यागी को उत्तराखंड पुलिस ने दिसंबर 2021 में हरिद्वार में आयोजित तीन दिवसीय अभद्र भाषा सम्मेलन के सिलसिले में 13 जनवरी को गिरफ्तार किया था. विवादास्पद हिंदुत्व नेता यति नरसिंहानंद द्वारा 17 से 19 दिसंबर तक उत्तराखंड के तीर्थ नगरी हरिद्वार में हेट स्पीच कॉन्क्लेव का आयोजन किया गया था, जहां अल्पसंख्यकों को मारने और उनके धार्मिक स्थलों पर हमला करने के लिए कई कॉल किए गए थे
इससे पहले दिसंबर 2021 में, पुलिस ने त्यागी और अन्य के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 153 ए (धर्म के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना, आदि) के तहत हरिद्वार पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया था
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