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हरियाणा ने वैक्सीन बर्बादी का डेटा सुधारा, कहा-'मिसमैच हो गया था'!

हरियाणा सरकार के मुताबिक केंद्र ने वैक्सीन की बर्बादी का पहले जो डेटा जारी किया था वो तुलनात्मक रूप से ज्यादा था

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राजधानी दिल्ली से सटा बीजेपी शासित राज्य हरियाणा, वैक्सीन वेस्टेज के मामले में सबसे आगे था. राज्य में करीब 6% वैक्सीन की बर्बादी हो रही थी जिसका डेटा केंद्र सरकार ने जारी किया था. अब हरियाणा सरकार ने बयान जारी कर कहा है कि हरियाणा के वैक्सीन बर्बादी के डेटा में सुधार हुआ है और ताजा डेटा के मुताबिक वैक्सीन बर्बादी का प्रतिशत सिर्फ 2-3% रह गया है.

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हरियाणा सरकार के मुताबिक केंद्र ने वैक्सीन की बर्बादी का पहले जो डेटा जारी किया था वो तुलनात्मक रूप से ज्यादा था. डेटा मिसमैच की वजह से ऐसा हुआ था. अब जिलों ने डेटा में सुधार कर लिया है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद कोविड के टीके के बर्बादी के मुद्दे को बहुत गंभीरता से लिया और कुछ दिन पहले अपने ट्विटर के माध्यम से लोगों से अनुरोध किया कि “कोविड -19 के खिलाफ लड़ाई को मजबूत करने के लिए वैक्सीन की बर्बादी को कम करें.”

हरियाणा में हो रही थी 6% से ज्यादा वैक्सीन की बर्बादी

हरियाणा लगातार कोरोना वैक्सीन का सबसे ज्यादा नुकसान करने वाले शीर्ष राज्यों में रहा है. 9 मई को जारी डेटा के मुताबिक लक्षद्वीप के बाद, हरियाणा 6.65 प्रतिशत कोविड टीकों की बर्बादी के साथ दूसरा सबसे बड़ा राज्य है, जिसके बाद असम (6.07 प्रतिशत) था. वहीं राजस्थान में कोविड के टीके का 5.50 प्रतिशत बर्बादी, पंजाब में 5.05 प्रतिशत और बिहार में कोविड के टीकों का 4.96 प्रतिशत बर्बादी दर्ज किया गया है. दादरा और नगर हवेली में (4.93), मेघालय (4.21 प्रतिशत), तमिलनाडु (3.94 प्रतिशत) और मणिपुर (3.56 प्रतिशत) कोविड टीका बर्बादी की सूचना दी.

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