देश में बेसब्री से कोरोना वायरस वैक्सीन का इंतजार हो रहा है. भारत ने अभी किसी वैक्सीन को मंजूरी नहीं दी है. लेकिन केंद्र सरकार वैक्सीन दिए जाने को लेकर योजना बना रही है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के एक नए डॉक्युमेंट के मुताबिक, एक 'सेशन' में केवल 100 लोगों को ही COVID वैक्सीन दी जा सकती है. इस डॉक्युमेंट में कहा गया कि राज्य और केंद्र शासित प्रदेश वैक्सीनेशन के दिन तय कर सकते हैं.
NDTV की रिपोर्ट का कहना है कि स्वास्थ्य मंत्रालय ने 'COVID-19 वैक्सीन्स ऑपरेशनल गाइडलाइन्स' नाम के डॉक्युमेंट में कहा है कि अगर लॉजिस्टिक्स इजाजत देता है तो एक 'सेशन' में 200 लोगों को भी वैक्सीन दी जा सकती है.
इस डॉक्युमेंट में स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा, "वैक्सीनेशन प्रक्रिया का प्रबंध चुनावी प्रक्रिया जैसा ही होगा." डॉक्युमेंट में केंद्र सरकार ने सबसे अच्छे तरीके से वैक्सीन दिए जाने के तरीकों पर बात की है.
ये ध्यान में रखते हुए कि COVID-19 वैक्सीन जल्द ही उपलब्ध हो सकती है, केंद्र सरकार इसे देश को देने की तैयारी कर रही है. इस दिशा में एक अहम कदम नेशनल एक्सपर्ट ग्रुप ऑन वैक्सीन एडमिनिस्ट्रेशन फॉर COVID-19 (NEGVAC) के गठन का था. NEGVAC भारत में COVID-19 वैक्सीन के इंट्रोडक्शन के सभी पहलुओं पर मार्गदर्शन कर रहा है.स्वास्थ्य मंत्रालय
112 पन्नों के डॉक्युमेंट में क्या कहा गया?
स्वास्थ्य मंत्रालय ने अपने डॉक्युमेंट में कहा कि हेल्थकेयर और फ्रंटलाइन वर्कर्स को फिक्स्ड सेशन साइट्स पर वैक्सीन दी जाएगी, जबकि बाकी हाई-रिस्क पॉपुलेशन के लिए अलग-अलग सेशन साइट्स, मोबाइल साइट्स और टीमों की जरूरत हो सकती है.
वैक्सीनेशन टीम में पांच सदस्य होंगे. इसमें एक मुख्य अफसर और बाकी चार उसकी मदद करेंगे. मुख्य शख्स एक डॉक्टर, नर्स, फार्मासिस्ट या इंजेक्शन देने के लिए कानूनी रूप से योग्य व्यक्ति होगा. दूसरा अफसर सुरक्षा के लिए होगा, जो यूजर रजिस्ट्रेशन चेक करेगा और वैक्सीनेशन सेशन के एंट्री पॉइंट को गार्ड करेगा. तीसरा अफसर डॉक्युमेंट्स वेरिफाई करेगा, जबकि चौथा और पांचवा अफसर भीड़ प्रबंधन और कम्युनिकेशन के लिए जिम्मेदार होंगे.डॉक्युमेंट के मुताबिक
स्वास्थ्य मंत्रालय ने अपने इस डॉक्युमेंट में वैक्सीन वर्कर्स की ट्रेनिंग और लॉजिस्टिक्स पर भी जानकारी दी है. वैक्सीनों को प्रभावी रखने के लिए कोल्ड स्टोरेज यूनिट्स की जरूरत होगी.
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