झारखंड के अगले मुख्यमंत्री के तौर पर हेमंत सोरेन आज रांची के मोरहाबादी मैदान में शपथ लेंगे. झारखंड में 30 नवंबर से 20 दिसंबर तक पांच चरणों में हुए विधानसभा चुनावों में झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के नेतृत्व वाले विपक्षी जेएमएम-कांग्रेस-आरजेडी गठबंधन ने विधानसभा की 81 सीटों में से 47 सीटें जीतकर स्पष्ट बहुमत हासिल किया था. चुनाव में जेएमएम को 30 सीटें मिली थीं. वहीं, कांग्रेस के हिस्से 16 सीटें और राजेडी के हिस्से केवल 1 सीट आई थी.
साफ है कि झारखंड की नई सरकार में हेमंत सोरेन और जेएमएम का दबदबा रहेगा. बताया जा रहा है कि अभी सोरेन के अलाव गठबंधन में शामिल जेएमएम और कांग्रेस के एक-एक विधायक मंत्री पद की शपथ ले सकते हैं. सूत्रों का कहना है कि कैबिनेट का विस्तार 14 जनवरी के बाद किया जाएगा.
कौन-कौन बनेगा मंत्री?
झारखंड में कुल 12 विधायकों को मंत्री बनाया जा सकता है. सूत्रों का कहना है कि जेएमएम की ओर से जहां छह मंत्री होंगे, वहीं कांग्रेस को चार से पांच मंत्री और एक विधानसभा अध्यक्ष का पद मिल सकता है. जेएमएम की ओर से अनुभवी स्टीफन मरांडी, चंपई सोरेन और बैद्यनाथ राम का नाम तय माना जा रहा है. कहा जा रहा है कि कांग्रेस में मंत्री के नाम दिल्ली से ही तय होंगे.
विपक्ष का शक्ति प्रदर्शन
लोकसभा चुनाव में मिली बड़ी हार के बाद ये पहला बड़ा मौका होगा जब विपक्ष के दिग्गज एकजुट होंगे. ऐसे में विपक्ष के लिए शक्ति प्रदर्शन का मौका होगा और आने वाले दिल्ली, बिहार और बंगाल विधानसभा चुनाव के लिए रोडमैप झारखंड की जमीन से तैयार हो सकता है.
कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी, पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी, बिहार विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव, दिल्ली के सीएम केजरीवाल, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार का हेमंत सोरेन के शपथग्रहण में मौजूद रहना कंफर्म है. एक मंच पर विपक्ष के दिग्गज नेताओं की मौजूदगी आने वाले चुनाव के लिए प्रोमो होगा.
इसके अलावा, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव, राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी शामिल होंगे. सीपीआई के युवा नेता कन्हैया कुमार भी इस शपथग्रहण समारोह का हिस्सा होंगे. पूर्व राज्यसभा सांसद शरद यादव, डीएमके अध्यक्ष एमके स्टालिन भी शपथ ग्रहण में हिस्सा बनेंगे.
एक्शन में दिख रहे हैं हेमंत सोरेन
चुनाव जीतने के बाद से ही हेमंत सोरेन एक्शन में दिख रहे हैं. लोगों से मिलने से लेकर पब्लिक लाइब्रेरी बनवाने की बात सोरेन कर रहे हैं. एनआरसी और नागरिकता कानून को लेकर हेमंत सोरेन अपना स्टैंड पहले ही साफ कर चुके हैं.
परिणाम से पहले सोरेन ने कहा था कि चुनाव जीतने के बाद वो CAA और NRC का मूल्यांकन करेंगे, और अगर झारखंड में इसे लागू करने पर हिंसा होने का डर रहेगा, तो वो राज्य में इसे नहीं लागू किया जाएगा. उन्होंने कहा है कि उनकी सरकार की प्राथमिकता शिक्षा और स्वास्थ्य रहेगी.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)