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HC ने एक्टिविस्ट शिव कुमार के ‘टॉर्चर’ मामले में दिया जांच का आदेश

लेबर एक्टिविस्ट शिव कुमार की मेडिकल रिपोर्ट में क्या सामने आया था?

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पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट ने मंगलवार को फरीदाबाद के जिला और सत्र न्यायाधीश को लेबर एक्टिविस्ट शिव कुमार के मामले में उन आरोपों की जांच का निर्देश दिया, जिनमें कुमार को सोनीपत पुलिस द्वारा अवैध हिरासत में रखने और प्रताड़ित करने की बात कही गई है. कुमार के पिता की याचिका पर जस्टिस अवनीश झिंगन ने यह निर्देश दिया है.

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अपनी याचिका में कुमार के पिता ने उनके खिलाफ दर्ज तीन प्राथमिकियों के मामले की जांच किसी स्वतंत्र एजेंसी को सौंपने की भी गुजारिश की. याचिकाकर्ता ने कुमार को कथित रूप से अवैध तरीके से हिरासत में रखने और प्रताड़ित करने के मामले की स्वतंत्र जांच का अनुरोध किया.

कोर्ट ने कुमार के मामले की जांच के लिए हरियाणा पुलिस की ओर से गठित विशेष जांच टीम को छानबीन जारी रखने का भी निर्देश दिया लेकिन कहा कि वो इस अदालत की इजाजत के बिना अपनी अंतिम रिपोर्ट दायर नहीं करेगी.

अदालत ने स्थिति रिपोर्ट को दाखिल करने के लिए मामले को 11 मई तक के लिए स्थगित कर दिया है.

पिछले महीने चंडीगढ़ के सरकारी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में कुमार का चिकित्सा परीक्षण किया गया था जिसमें उनके हाथ और पैर की हड्डी दो जगह से टूटी हुई पाई गई थीं और उनकी पैर की कुछ उंगलियों के नाखून टूटने की बात भी सामने आई थी.

कुमार मजदूर अधिकर संगठन के अध्यक्ष हैं और श्रम अधिकार कार्यकर्ता नवदीप कौर को गिरफ्तार करने के कुछ दिन बाद ही उन्हें भी गिरफ्तार कर लिया गया था.

कौर को हरियाणा के सोनीपत जिले में एक औद्योगिक इकाई का घेराव करने और कंपनी से पैसे मांगने के आरोप में 12 जनवरी को गिरफ्तार किया गया था.

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