इन गर्मियों में गाड़ी लेकर नैनीताल आने वाले टूरिस्टों के लिए शहर ने हाउसफुल के बोर्ड लगा दिए हैं. अंधाधुंध पर्यटकों के आने से इस हिल स्टेशन के सारे पार्किंग भर गए हैं और अब वहां गाड़ियों के लिए जगह नहीं बची है.लिहाजा शहर के रिजॉर्ट्स और होटलों ने एंट्री प्वाइंट पर हाउसफुल के बड़े-बड़े बैनर लटका दिए हैं.
शिमला के बाद नैनीताल दूसरा टूरिस्ट डेस्टिनेशन है, जहां स्थानीय लोग पर्यटकों को आने से रोक रहे हैं. शिमला में भारी जल संकट के बाद स्थानीय लोगों ने टूरिस्टों से अपील की थी इस सीजन में यहां न आएं
नैनीताल में रिजॉर्ट मालिकों की ओर से हाउसफुल का बैनर लगाने के पीछे उत्तराखंड हाई कोर्ट का वह आदेश है, जिसमें शहर में खराब ट्रैफिक मैनेजमेंट के लिए स्थानीय अधिकारियों की खिंचाई की गई है. नैनीताल शहर में 12 पार्किंग लॉट हैं, जहां 2000 गाड़ियां पार्क की जा सकती हैं लेकिन यहां हर रोज 3000 से 4000 गाड़ियां पहुंच रही हैं.
गाडियों को लेकर हो रही दिक्कतों के सवाल पर ट्रैफिक पुलिस इंचार्ज महेश चंद्र ने कहा
गाड़ियों की भरमार से नैनीताल में ट्रैफिक व्यवस्था नियंत्रण से बाहर हो चुकी है. वीकेंड पर दिल्ली और यूपी से टूरिस्ट गाड़ियां लेकर पहुंच रहे हैं. यहां सिर्फ दो हजार गाड़ियों को रखने की व्यवस्था है लेकिन तीन से चार हजार गाड़ियां पहुंच रही हैं. इसलिए गाड़ियों को एक सीमा पर ही रोका जा रहा है.महेश चंद्र, नैनीताल ट्रैफिक पुलिस इंचार्ज
शहर के बाहर ही लग गए हैं हाउसफुल के बड़े-बड़े बैनर
शहर में टूरिस्टों की गाड़ियां इस कदर भर गई हैं और कमाई वाले इस सीजन में भी स्थानीय होटल-रिजॉर्ट मालिकों को कहना पड़ रहा है कि यहां न आएं. शहर के बाहर जगह-जगह हिंदी में 'हाउसफुल' का बड़े-बड़े बैनर लगे हैं.
उत्तराखंड हाई कोर्ट ने की बेंच ने सोमवार को नैनीताल जिला प्रशासन ने शहर में गाड़ियों की भीड़ नियंत्रित न होने पर एक सप्ताह में सफाई मांगी थी. कोर्ट ने कहा था क्यों न आदेश का पालन न करने पर उनके खिलाफ अदालत की अवमानना की कार्रवाई की जाए.
स्थानीय ड्राइवरों का कहना है कि बड़े पार्किंग बनाने से शहर में ट्रैफिक व्यवस्था ठीक हो सकती है. इसके साथ ही यहां आसपास के जरिये दर्शनीय स्थलों को देखने के लिए गाड़ियों का इस्तेमाल बंद हो.
देखें वीडियो - शिमला में पानी की किल्लत, स्थानीय लोग बोले- यहां घूमने न आएं
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