स्वदेशी डिफेंस मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर के लिए बड़ी खबर है कि हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड को वायुसेना 83 लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट 'तेजस' का ऑर्डर दे सकती है. ये ऑर्डर 45 हजार करोड़ का बताया जा रहा है.
वायु सेना ने 2 साल पहले 83 लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट बनाने का टेंडर जारी किया था लेकिन सरकार और वायुसेना को लगा कि दाम बहुत ज्यादा है इस वजह से ये प्रोजेक्ट रुक गया था.
न्यूज एजेंसी ANI के मुताबिक, रक्षा मंत्रालय की कॉस्ट कमेटी ने 83 लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट मार्क 1A के दाम का अनुमान लगाया था कि ये 45 हजार करोड़ होगा. अब वायुसेना अगले कुछ हफ्तों में ये ऑर्डर HAL को दे सकती है.
लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट का डिजाइन डीआरडीओ ने तैयार किया है. इसी साल डीआरडीओ के चीफ डी सतीश रेड्डी ने इन विमानों को ऑपरेशन में लाने के लिए रक्षा मंत्रालय और वायुसेना को क्लियरेंस दी थी.
सूत्रों के मुताबिक, ऐसा पहली बार होगा जब किसी स्वदेशी कंपनी को इतना बड़ा ऑर्डर मिलेगा. इस ऑर्डर से स्वदेशी रक्षा सेक्टर को बड़ा बूस्ट मिलने की भी बात कही जा रही है. इस ऑर्डर के 65 फीसदी से ज्यादा की रकम देश में ही रहेगी, जिससे देश में प्राइवेट और पब्लिक सेक्टर रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे.
रक्षा मंत्रालय ने 2 साल पहले 50 हजार करोड़ रुपये के लिए मंजूरी दे दी थी लेकिन मंत्रालय की कॉस्ट कमेटी ने इसे घटा कर 45 हजार करोड़ कर दिया. साल 2023 में 40 एलसीए मार्क 1A पहला दस्ता वायुसेना को मिलेगा. एलसीए मार्क 1A तेजस विमान का ही एडवांस वर्जन है.
वायुसेना की मांग के मुताबिक, पहला एलसीए मार्क 1A कॉन्ट्रैक्ट साइन होने के 36 महीने बाद डिलिवर किया जाएगा. इससे पहले एचएएल ने वायुसेना को 16 एलसीए तैयार कर के दिए हैं.
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