साल 2018 में 120 करोड़ से ज्यादा अकाउंट हैकिंग के हमलों के बाद भारत अमेरिका के बाद दूसरा देश है, जहां दुनिया में हैंकिंग के सबसे ज्यादा प्रयास होते हैं. एक नई रिपोर्ट में यह जानकारी सामने आई है.
क्लाउड डिलिवरी नेटवर्क प्रोवाइडर अकमाई टेक्नॉलजीज की 'स्टेट ऑफ इंटरनेट/सिक्युरिटी' रिपोर्ट के नए सीजन के मुताबिक, हर हमले में किसी व्यक्ति या कंप्यूटर द्वारा किसी अकाउंट को है करने या यूजरनेम या पासवर्ड जनरेट करने के लिए लॉग इन किया गया.
साइबर हमलों के मामले में कनाडा तीसरे नंबर पर है. अमेरिका में 2018 में कुल 1,252 हैंकिंग की कोशिशें दर्ज की गईं, जबकि भारत में 120 करोड़ और कनाडा में 102 करोड़ मामले दर्ज किए गए.
अकमाई की रिपोर्ट में कहा गया है कि इन हमलों में विभिन्न सेक्टर्स को निशाना बनाया गया, जिसमें मीडिया और एंटरटेनमेंट से लेकर रिटेल और गेमिंग प्रमुख रहे. हैकरों ने बड़े वीडियो और एंटरटेनमेंट ब्रांड्स को निशाना बनाया, ताकि वेरिफाइड अकाउंट का एक्सेस गुप्त बाजारों में जाकर बेचा जा सके.
हैकिंग के इन तरीकों से रहें सावधान
1. फिशिंग
फिशिंग दरअसल एक फ्रॉड इमेल है, जिसकी मदद से आपसे डेटा मांगा जाता है. फिशिंग ईमेल में एक लिंक होता है जिस पर आपको क्लिक कर नकली वेब पेज पर ले जाया जाता है. अगर आप हैकर्स के झांसे में आ गए और आपने वहां अपने अकाउंट की जानकारी डाल दी तो ये डेटा हैकर के सर्वर में चला जाता है. इसके बाद हैकर इन जानकारियों का इस्तेमाल कर आपके बैंक खाते या क्रेडिट कार्ड से रकम उड़ा सकता है.
फिशिंग से कैसे बचें?
- फिशिंग से बचने के लिए ईमेल एड्रेस की स्पेलिंग पर ध्यान देना चाहिए. सायबर क्रिमिनल आम तौर पर नामी कंपनियों से काफी मिलते जुलते ईमेल एड्रेस का इस्तेमाल करते हैं, जिससे कि वह वास्तविक लगे.
- ऐसे किसी भी ईमेल एड्रेस से आए लिंक पर क्लिक करने से पहले दो बार सोचें. अगर कोई संदिग्ध ईमेल दिखे तो उस पर क्लिक ना करें.
- हैकर्स आम तौर पर आपको डेटा सिक्योरिटी के खतरे की धमकी देते हैं. ऐसे झांसे में ना आएं.
- बैंक से संबंधित डेटा मांगने पर डेटा बिल्कुल भी शेयर ना करें. अगर कोई संशय हो तो अपने बैंक के अधिकृत कस्टमर केयर से बात करें.
2. मेलवेयर
मेलवेयर एक सॉफ्टवेयर है जो किसी सिस्टम की जानकारी या डेटा चोरी के लिए बनाया जाता है. यह प्रोग्राम संवेदनशील आंकड़े चुराने, उसे डिलीट कर देने, सिस्टम के काम करने का तरीका बदल देने और सिस्टम पर काम करने वाले व्यक्ति पर नजर रखने जैसे एक्टिविटी करता है.
आपके सिस्टम में यह प्रोग्राम कई तरीके से इंस्टाल हो सकता है. कोई आउट डेटेड ऑपरेटिंग सिस्टम या पायरेटेड ओएस, अनजाने लिंक पर क्लिक करने, या नकली सॉफ्टवेयर इंस्टाल करने की वजह से मेल वेयर इंस्टाल हो सकता है.
दूसरा तरीका ये भी है कि फेक ईमेल में एक अटैचमेंट भेजा जाता है. इस अटैचमेंट को डाउनलोड करने के लिए कहा जाता है. जैसे ही आप इसे डाउनलोड करते हैं, और खोलते हैं, आपके सिस्टम में एक मेलवेयर इंस्टाल हो जाता है. यह आपके डिवाइस और डेटा तक हैकर की पहुंच बना देता है, जिससे वह आपके खाते को एक्सेस कर सकता है.
मेलवेयर से कैसे बचें?
- अपने सिस्टम में अच्छा एंटी वायरस सॉफ्टवेयर इंस्टाल करें
- कोई नकली सॉफ्टवेयर डाउनलोड ना करें, इनके जरिये मेल वेयर आपके सिस्टम में आ सकता है
- एंटी वायरस के नकली पॉपअप पर कभी क्लिक ना करें
- अपने सिस्टम के ऑपरेटिंग सिस्टम को हमेशा अपडेट रखें
- पायरेटेड ऐप या सॉफ्टवेयर से हमेशा बचें. इनमें मेल वेयर हो सकता है.
3. फेक कॉल
फेक कॉल और फेक एसएमएस से सावधान रहें. अगर कोई व्यक्ति कॉल या एसएमएस के जरिए आपकी व्यक्तिगत जानकारी मांगता है तो आपको बड़ा नुकसान उठाना पड़ सकता है. किसी को भी अपने ऑनलाइन पासवर्ड से लेकर बैंक एकाउंट डिटेल या OTP/CVV जैसी कोई भी जानकारी ना दें.
कई बार यह मैसेज छोटे से लिंक में भी आते हैं जिस पर क्लिक करने पर आपको जरूरी जानकारी वहां देनी होती है. ऐसे कॉल और एसएमएस से सावधान रहें.
कैसे बचें?
- किसी को भी फोन कॉल या एसएमएस पर अपनी गोपनीय जानकारी ना दें.
- किसी मैसेज पर आए लिंक पर क्लिक करने से पहले उसे अच्छी तरह परख लें.
4. असुरक्षित नेटवर्क
अगर आप पब्लिक वाई-फाई इस्तेमाल करते हैं, तो आपको बेहद सावधान रहने की जरूरत है. क्योंकि पब्लिक वाई-फाई इस्तेमाल करने वाले यूजर्स की निजी जानकारी हैकर आसानी से चुरा सकते हैं.
हैकर आपके क्रेडिट कार्ड की डिटेल्स, पासवर्ड, चैट मैसेज, ईमेल आईडी, पैन नंबर, आधार नंबर समेत अन्य महत्वपूर्ण जानकारियां चुरा सकते हैं.
कैसे रहें सुरक्षित
- अपनी जानकारी सुरक्षित रखने के लिए पब्लिक वाई-फाई का इस्तेमाल करते वक्त ऑनलाइन शॉपिंग या नेटबैंकिंग जैसी एक्टिविटी बिलकुल ना करें.
- घर के वाई-फाई को सिक्योर बनाएं और पासवर्ड स्ट्रॉन्ग रखें.
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