अमेरिका में ग्रीन कार्ड हासिल करने के लिए कतार में शामिल हाई स्किल्ड प्रोफेशनलों में तीन चौथाई संख्या भारतीयों की है. अमेरिकी नागरिकता और आव्रजन सेवाओं (यूएससीआईएस) की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक मई 2018 तक रोजगार आधारित प्राथमिकता श्रेणी के तहत 395,025 विदेशी नागरिक ग्रीन कार्ड पाने की कतार में हैं.
वेटिंग लिस्ट में तीन लाख से ज्यादा भारतीय
प्रतीक्षा सूची में सबसे ज्यादा 306,601 लोग भारतीय हैं. भारत के बाद इस सूची में चीनी लोग दूसरे नंबर पर हैं. अभी 67,031 चीनी नागरिक ग्रीन कार्ड पाने का इंतजार कर रहे हैं. हालांकि इसके अलावा किसी भी अन्य देश के ग्रीन कार्ड का इंतजार कर रहे लोगों की संख्या 10,000 से अधिक नहीं है. अन्य देशों में अल सल्वाडोर (7252), ग्वाटेमाला (6,027), होंडुरास (5,402), फिलीपीन (1,491), मैक्सिको (700) और वियतनाम (521) हैं.
एच-1बी वीजा सबसे अधिक भारतीयों के पास
मौजूदा कानून के तहत एक वित्त वर्ष में किसी भी देश के सात फीसदी से अधिक नागरिकों को ग्रीन कार्ड नहीं दिया जा सकता इसलिए भारतीयों को अमेरिका का स्थायी निवासी बनने के लिए लंबा इंतजार करना पड़ रहा है. स्थायी निवास में सात प्रतिशत कोटे का सबसे बुरा असर भारतीय - अमेरिकियों पर पड़ा है. इनमें से ज्यादा भारतीय उच्च कौशल प्राप्त होते हैं और वे मुख्यत : एच -1 बी कार्य वीजा पर अमेरिका आते हैं. कोटे के कारण भारत के कौशल युक्त प्रवासियों के लिए ग्रीन कार्ड के इंतजार की अवधि 70 साल तक की हो सकती है.
ग्रीन कार्ड को पर्मानेंट रेजिडेंट कार्ड भी कहा जाता है. ग्रीन कार्ड होल्डर हासिल होने के बाद किसी देश का नागरिक अमेरिका में कानून रह सकता है और काम कर सकता है. ग्रीन कार्ड अमेरिकी नागरिकता की दिशा में पहला कदम है.अमेरिका में बेहतर जीवन स्तर और समृद्धि की वजह से बड़ी तादाद में लोग यहां आते हैं और ग्रीन कार्ड हासिल करने की कोशिश करते हैं.
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