भारत 12 जनवरी को पृथ्वी की निगरानी करने वाले सैटेलाइट कारटोसैट समेत 31 सैटेलाइट लॉन्च करेगा. पहले इसके लिए 10 जनवरी का दिन तय किया गया था.
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के जनसंपर्क निदेशक देवी प्रसाद कार्णिक ने सोमवार को इसकी जानकारी दी.
साल 2018 में पीएसएलवी का यह पहला मिशन है, जिसके अंतर्गत अंतरिक्ष अभियान के तहत ध्रुवीय सैटेलाइट प्रक्षेपण यान, पीएसएलवी-सी40 के जरिए 31 सैटेलाइट लॉन्च किए जाएंगे. इस मिशन में कारटोसैट-2 के अलावा भारत का एक नैनो सैटेलाइट और एक माइक्रो सैटेलाइट भी लॉन्च किया जाएगा.
रॉकेट को इसरो के स्पेसपोर्ट, आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से लॉन्च किया जाएगा.
हमने एक साथ कारटोसैट और अन्य उपग्रहों को ले जाने के लिए सुबह 9.30 बजे रॉकेट को लॉन्च करने का समय तय किया है. इनमें से 28 सैटेलाइट अमेरिका और पांच दूसरे देशों के होंगे. इस बार प्रस्तावित समय में देरी नहीं की जाएगी. इससे पहले लॉन्च करने के लिए प्रस्तावित 10 जनवरी की तारीख अस्थायी थी.देवी प्रसाद कार्णिक, जनसंपर्क निदेशक, इसरो
बता दें कि कारटोसैट-2 एक ऐसा सैटेलाइट है, जो पृथ्वी की निगरानी करेगा. इसके साथ ही यह सैटेलाइट हाई क्वालिटी वाले फोटो भेजने में भी सक्षम है. सैटेलाइट द्वारा भेजे गए इन फोटो का इस्तेमाल शहरी और ग्रामीण नियोजन, तटीय क्षेत्रों में भूमि उपयोग, सड़क नेटवर्क की निगरानी आदि कामों के लिए किया जा सकेगा.
विफल हो गया था ISRO का पिछला मिशन
बता दें कि पिछले साल 31 अगस्त को पीएसएलवी से नेविगेशन सैटेलाइट आईआरएनएसएस-1 एच लॉन्च की गई थी, लेकिन हीट शील्ड न खुलने की वजह से सैटेलाइट रॉकेट के चौथे चरण समेत अंतरिक्ष में पहुंच गया. अब वह अंतरिक्ष कचरे की तरह धरती के चक्कर काट रहा है. इस विफलता के बाद इसरो ने पिछले पांच महीने में किसी मिशन को अंजाम नहीं दिया. अब नए साल में पीएसएलवी को कुछ बदलाव के साथ फिर मिशन पर भेजा जाएगा.
(इनपुट: IANS से)
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